Haryana कांग्रेस में सांसदों को विधानसभा चुनाव में नहीं उतारने के फैसले पर विवाद बढ़ गया है। इस पर सांसदों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। मिडिया रिपोर्टस के अनुसार सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि दीपक बाबरिया का बयान अधूरा है। सैलजा ने स्पष्ट किया कि अगर कोई सांसद विधानसभा चुनाव लड़ना चाहता है, तो उसे हाईकमान से अनुमति लेनी होगी।
उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस की अनुशासित सिपाही हैं और हाईकमान के आदेश पर लोकसभा चुनाव लड़ी थीं। अब भी विधानसभा चुनाव में भाग लेने के लिए वे हाईकमान की अनुमति लेंगी। वहीं राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि वे पहले ही कह चुके हैं कि हाईकमान के निर्देश के अनुसार ही निर्णय लेंगे।
दीपक बाबरिया का बयान
कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने हाल ही में कहा था कि पार्टी ने सैद्धांतिक निर्णय लिया है कि कोई भी लोकसभा या राज्यसभा सांसद विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं पाएगा। सांसद चुनाव प्रचार करेंगे, लेकिन टिकट के लिए स्क्रीनिंग कमेटी में उनका नाम नहीं रखा जाएगा। अगर कोई सांसद चुनाव लड़ना चाहता है, तो उसे पार्टी अध्यक्ष से अनुमति लेनी होगी।
कुमारी सैलजा का मुख्यमंत्री पद पर दावा
सैलजा ने कांग्रेस की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश की है। उन्होंने कहा कि जब अन्य जातियों के नेता मुख्यमंत्री बन सकते हैं, तो अनुसूचित जातियों के नेताओं को भी मौका मिलना चाहिए। सैलजा ने हरियाणा में दलित सीएम की दावेदारी पेश की है।
CM फेस पर विवाद
कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा के बीच विवाद चल रहा है। गुटबाजी के कारण कांग्रेस हरियाणा में पिछले 10 सालों से सत्ता से बाहर है। 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को केवल 15 और 31 सीटें ही मिली थीं। भाजपा ने 2014 में बहुमत की सरकार बनाई और 2019 में JJP के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई।