Haryana की दंगल गर्ल और भाजपा नेता बबीता फोगाट(Babita Phogat) ने कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा(Deepender Hooda) के साथ खिलाड़ियों को नौकरी देने के मुद्दे पर विवाद(over players’ jobs) छेड़ दिया। संसद में दीपेंद्र हुड्डा ने भाजपा सरकार पर खिलाड़ियों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया, जिस पर बबीता फोगाट ने सोशल मीडिया पर पलटवार किया। जिससे दोनों में खिलाड़ियों की नौकरी को लेकर तकरार(Dispute between) होते हुए नजर आने लगी हैं।
बता दें कि 22 जुलाई को संसद में दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार खिलाड़ियों के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय में खिलाड़ियों को जो मान-सम्मान मिलता था, वह अब नहीं मिल रहा है। हुड्डा ने आरोप लगाया कि खिलाड़ियों को ग्रुप C और D में नौकरियां नहीं दी जा रही हैं। उन्होंने कांग्रेस की ‘पदक लाओ, पद पाओ’ नीति का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले 10 वर्षों में इस नीति को रोक दिया है। हुड्डा ने कहा कि पिछले ओलिंपिक पदक विजेता खिलाड़ियों को अब तक हरियाणा सरकार ने कोई नियुक्ति नहीं दी है।

उन्होंने साक्षी मलिक का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें अब तक हरियाणा में नौकरी नहीं मिली है और खिलाड़ियों को कैश अवॉर्ड भी नहीं दिए जा रहे हैं। दीपेंद्र हुड्डा के इन बयानों के बाद बबीता फोगाट ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट डालकर जवाब दिया। बबीता ने हुड्डा पर झूठे तथ्य पेश करने और संविधान एवं महान विभूतियों का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, “दीपेंद्र भाई, आपने झूठे तथ्य रखकर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर एवं उन अन्य महान विभूतियों को अपमानित किया है, जिन्होंने सदन व संविधान की गरिमा की खातिर अपना जीवन समर्पित किया।

हुड्डा सरकार ने दी सब इंस्पेक्टर की नौकरी
बबीता ने कहा कि हुड्डा ने फोगाट बहनों के साथ नौकरी देने में न्याय नहीं किया था। उन्होंने कहा कि वह DSP की नौकरी डिजर्व करती थीं, लेकिन हुड्डा सरकार ने उन्हें सब इंस्पेक्टर की नौकरी दी। बबीता ने लिखा, “मेरी बहन गीता फोगाट को न्यायिक व्यवस्था का सहारा लेना पड़ा, तब उसे DSP की नौकरी मिली। वहीं, आपके नजदीकी लोगों को नौकरी मिल गई, लेकिन अन्य खिलाड़ियों के साथ हमेशा अन्याय हुआ।”
फोगाट बहनों की न्याय की लड़ाई
गीता फोगाट और बबीता फोगाट ने नौकरी के लिए कोर्ट का सहारा लिया था। गीता फोगाट को हुड्डा सरकार ने SI की नौकरी दी थी, जबकि उनके दौर के अन्य खिलाड़ियों को DSP पद मिला था। इस भेदभाव के खिलाफ गीता फोगाट ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बबीता फोगाट को भी SI की नौकरी मिली थी। दोनों बहनों को भाजपा सरकार में उच्च पद पर नौकरी मिली। गीता फोगाट DSP बनीं और बबीता फोगाट को स्पोर्ट्स में डिप्टी डायरेक्टर का पद मिला। इसके बाद 2019 में बबीता ने इस पद से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखा। वहीं, गीता फोगाट आज भी DSP के पद पर काबिज हैं।

नजदीकियों को नौकरी देने का आरोप
बबीता फोगाट ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने अपने नजदीकियों को नौकरियां दी थीं। उन्होंने कहा कि उनके और उनकी बहन की नौकरियों में भी भेदभाव हुआ। बबीता ने लिखा, “मैं DSP की जॉब डिजर्व करती थी पर आपके पिताजी और आपकी कांग्रेस सरकार ने मुझे सब इंस्पेक्टर की नौकरी दी। मेरी बहन गीता फोगाट को न्यायिक व्यवस्था का सहारा लेना पड़ा।