Haryana के विधानसभा चुनावों में कैथल जिले के कलायत विधानसभा क्षेत्र में एक ऐसा भी गांव है, जहां के किसी भी मतदाता ने वोट नहीं डाला।
कलायत विधानसभा के सबसे छोटे गांव Khandalwa में पहले केवल एक voter हुआ करता था। परंतु अब दो नए और voter बन गए हैं, दोनों संत हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया में किसी भी voter ने हिस्सा नहीं लिया।
बीड Khandalwa गांव को राजस्व रिकार्ड में बे-चिराग गांव के नाम से जाना जाता है। इस गांव में 12वीं तक का स्कूल है। डाकघर है और गांव का अलग से पटवारी भी है। इस गांव की जो आबादी कुल पांच है जो Khandalwa मंदिर में रहने वाले संत हैं।
मीडिया को एक संत प्रभात गिरी ने बताया कि वे 80 वर्ष के हो गए हैं जब से उन्होंने संन्यास लिया, आज तक अपना vote नहीं बनवाया। दूसरे संत रघुनाथ गिरी का कहना था कि संतों का राजनीति से दूर रहना ही बेहतर है। तीसरे संत धर्मेश्वर गिरी कहना था कि संत समाज देश को दिशा देने में सामर्ध्यवान होना चाहिए। समय की मांग है कि संत समाज निर्विकार भाव से सामने आए और राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करे।
मान्यता है कि इक्ष्वाकु वंश में भगवान राम से 14 पीढ़ी पूर्व राजा खटवांग हुए। देव दानवों के युद्ध में उन्होंने देवों की और से लड़ते हुए दानवों को परास्त किया था। इस स्थान पर उन्होंने तपस्या की जिस पर प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने उन्हें अपने नाम से जाने जाने का वरदान दिया था।