Breaking News : हरियाणा में लोकसभा चुनाव को लेकर चल रहे मतदान के बीच गुरुग्राम के बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का निधन हो गया है। उनकी मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है। उनके समर्थकों के अनुसार उनकी मौत शनिवार सुबह करीब 10:30 से 11 बजे के बीच हुई। राकेश दौलताबाद, बादशाहपुर से आजाद प्रत्याशी के रूप में जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधायक दौलताबाद के निधन पर शोक जताया है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि बादशाहपुर के विधायक और विधानसभा में प्रमुख सहयोगी रहे राकेश दौलताबाद के आकस्मिक निधन से आहत और स्तब्ध हूं। राकेश के अचानक चले जाने से हरियाणा की राजनीति में एक शून्यता आई है। ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। परिवारजनों और समर्थकों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि गुरुग्राम के बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के असामयिक निधन का समाचार सुनकर दुखी हूं। दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि और परिवारजनों व समर्थकों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। ईश्वर से प्रार्थना है कि परिवारजनों को शक्ति प्रदान करें।
बताया जा रहा है कि शनिवार सुबह 10 बजे राकेश दौलताबाद को हार्ट अटैक आया था। जिसके बाद उन्हें तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान राकेश की मौत हो गई। गुरुग्राम के पालम विहार मणिपाल अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। राकेश दौलताबाद ने वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में बादशाहपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी। जिसके बाद उन्होंने भाजपा सरकार को समर्थन दिया था। हालांकि उन्होंने 2014 में भी निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन तब वह राव नरबीर सिंह से हार गए थे।
दौलताबाद ने बतौर निर्दलीय विधायक रहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में बनी भाजपा की सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया था। इसके बाद जब जजपा से गठबंधन टूटा तब भी नायब सैनी के नेतृत्व में बनी सरकार का उन्होंने समर्थन दिया। वहीं लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा सरकार से 3 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया। उन्होंने भूपेंद्र हुड्डा की मौजूदगी में रोहतक में कांग्रेस का समर्थन किया। इनमें धर्मबीर गोंदर, सोमवीर सांगवान और रणधीर गोलन शामिल थे। हालांकि इन 3 के अलावा दौलताबाद के भी सरकार से समर्थन वापस लेने की खूब चर्चा हुई। मगर उन्होंने इन 3 विधायकों का साथ नहीं दिया।
उन्होंने बाद में एक वीडियो जारी कर भाजपा सरकार का ही समर्थन करने का ऐलान किया था। बता दें कि कोराना काल के दौरान आधारभूत सुविधाओं में शामिल बिजली, सड़क, पानी, जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद ने अनूठी पहल की थी। विधायक ने ऐलान किया था कि उनके क्षेत्र में बिजली, पानी, सीवर और सड़क विभाग से जुड़े कार्यों में अच्छे काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को 25 लाख रुपये बतौर इनाम दिया जाएगा।
विधायक राकेश दौलताबाद के मुताबिक क्षेत्र में बिजली, पानी, सीवर और सड़क से जुड़े महकमों के जिस अधिकारी को स्थानीय लोगों की ओर से अच्छी रेटिंग दी जाएगी, वो इनामी राशि का हकदार होगा। उन्होंने बताया कि यह फैसला इसलिए लिया गया था, ताकि अधिकारी या कर्मचारी जनता की शिकायतों को जल्द से जल्द और बेहतर तरीके से दूर करें।