जननायक जनता पार्टी (JJP) को 2 दिन में 4 बड़े झटके लगे हैं। विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद पार्टी को 4 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया, जिससे पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है। कल अनूप धानक के इस्तीफे के बाद, आज तीन और विधायकों ने पार्टी छोड़ दी है।
आज जेजेपी से इस्तीफा देने वाले विधायकों में टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली, शाहबाद (कुरुक्षेत्र) से विधायक रामकरण काला, और गुहला चीका से विधायक ईश्वर सिंह शामिल हैं। इन तीनों ने आज पार्टी के सभी पदों और दायित्वों से इस्तीफा दे दिया है।
इस्तीफे की वजह क्या है?
टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली, जिन्हें मनोहर सरकार में पंचायत मंत्री के रूप में नामित किया गया था, जेजेपी-बीजेपी गठबंधन के टूटने के बाद से ही पार्टी से दूरी बनाए हुए थे। लोकसभा चुनावों में भी वे निष्क्रिय रहे और उन्होंने खुलकर कुमारी सैलजा का समर्थन किया।
शाहबाद से विधायक रामकरण काला के बारे में सूत्रों का कहना है कि वे कांग्रेस से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। उनके दोनों बेटे भी इसी साल कांग्रेस में शामिल हुए थे, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे कांग्रेस में जा सकते हैं। हालाँकि, रामकरण काला की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। गुहला चीका से विधायक ईश्वर सिंह ने भी आज ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
क्या थी विधायकों की योजना?
जेजेपी के विधायकों का चुनावी तारीखों के ऐलान के साथ ही पार्टी छोड़ना कई सवाल खड़ा कर रहा है। क्या इन विधायकों ने चुनाव के समय ही पार्टी को झटका देने की योजना बनाई थी? हालांकि, इस पर कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता।
वहीं, अनूप धानक के बारे में खबर है कि वे आज भाजपा में शामिल हो सकते हैं। बीते दिन ही उन्होंने जेजेपी से इस्तीफा दिया था। जेजेपी के पास कुल 10 विधायक थे, जिनमें से अब केवल तीन ही बचे हैं: दुष्यंत चौटाला, उनकी मां नैना चौटाला, और अमरजीत ढांडा।