Haryana : नवीन जयहिंद(Naveen Jaihind) और उनके साथी सोमवार को पानीपत में नशे और बेरोजगारी के खिलाफ कावड़ यात्रा(Kavad Yatra) लाने पर दर्ज मामले की सुनवाई में पेश हुए। जज प्रदीप चौधरी की कोर्ट मे केस की सुनवाई हुई और अगस्त में अगली तारीख दी गई है।
जयहिंद ने पत्रकारों को बताया कि उनकी यात्रा नशे के खिलाफ और बेरोजगारी को लेकर थी। युवाओं में बढ़ रहा नशा और अपराध चिंता का विषय है। ऐसे मे सरकार और समाज को मिल कर इसे खत्म करने के लिए कदम उठाना चाहिए। उनकी ये यात्रा पूरी तरह से समाज को समर्पित थी और वो भोलेनाथ के भगत है व आगे भी इस तरह से वो कावड़ यात्रा लाते रहेंगे। इस मौके पर पत्रकारों द्वारा एक ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आ रही “थारा फूफा जिंदा है। सीरीज को सवाल पूछा तो जयहिंद ने बताया कि उनका न तो इस एप से कोई लेना देना है और न ही इस सीरीज से। उन्होंने प्रदेश के बुर्जुगों, दिव्यांगों और विधवाओं के लिए मुहीम चलाई थी। जिसका नाम “थारा फूफा जिंदा है” रखा गया।

इस मुहिम का नेतृत्व 104 वर्षीय दादा दुलीचंद ने किया था, लेकिन ओटीटी एप वालों ने तो उनसे कोई संपर्क किया और नहीं दादा दुलीचंद से। कोई धन का चोर होता है, कोई मन का चोर कोई तन का लेकिन एप वाले तो कंटेंट चोर निकले। परिवार पहचान पत्र में हुई गड़बड़ को लेकर के यह मुहिम पूरे प्रदेश में चली थी और देश-विदेश की मीडिया ने इसे कवर किया था। आज वही फूफा ओटीटी एप वालों से नाराज है और जिन्दा भी है। नीरज चोपड़ा इस एप के ब्रांड एंबेसडर भी उन्हें तो मालूम भी नहीं होगा कि ये एप कंटेंट चोरी कर सीरीज बना रही है।

जयहिंद ने ओटीटी एप को दिया 24 घंटे का समय
जयहिंद ने आगे कहा कि एप की इस सीरीज से न उन्हें कोई पैसा मिला और न ही दादा दुलीचंद सहित प्रदेश के उन तमाम फूफा और बुआओं को जिन्होंने अपने संघर्ष की लडाई लड़ी। उन्हें कोई समस्या नहीं है कि एप या कोई और प्लेटफॉर्म कोई सीरीज बनाएं, लेकिन किसी का कंटेंट चोरी करके सीरीज बनाकर पैसे कमाए यह गलत है। वे इस सीरीज से हुई कमाई को अगर वृद्ध आश्रम अनाथ आश्रम में देते हैं, तो उन्हें बड़ी खुशी होगी, लेकिन किसी के संघर्ष को चोरी कर अपने घर भरे यह मंजूर नहीं। जयहिंद ने ओटीटी एप 24 घंटे का समय देते हुए कहा कि वो अपनी गलती स्वीकारे और असली फुफाओं के संघर्ष को भी जनता को दिखाएं।

नेताओं के लिए जनता फूलों और जूतों की माला रखें तैयार
नवीन जयहिंद पत्रकारों द्वारा चुनाव लड़ने के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि मीडिया उन्हें कभी बीजेपी से चुनाव लाडवा देती है तो कभी कांग्रेस से । उन्हें जब भी चुनाव लड़ना होगा वह जरूर बताएंगे। जयहिंद ने आगे कहा कि वह जल्द ही जनता के बीच नेताओं के लिए जूते की माला लेकर उतरेंगे। उन्होंने कहा कि वह नेताओं का इस तरह से रास्ता रोकने और उनके साथ बदतमीजी करने के समर्थन में नहीं है, बल्कि इससे गांव का भाईचारा ही खराब होता है। अगर किसी नेता से आपको परेशानी है, तो उसे आप अपने पास बुलाए और अपने सवाल उनसे करें कि उन्होंने सत्ता में रहते हुए आपके क्या काम करवाएं और विपक्ष में रहकर जनता के लिए क्या संघर्ष किया। नेताओं के लिए फूलों की माला और जूते की माला साथ रखें।