Haryana : राजनीति में कदम रखने वाले गुरुग्राम के रहने वाले राव इंद्रजीत सिंह ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। हरियाणा के इस सांसद(MP) ने छठी बार सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया है। उनसे पहले पंडित चिरंजीलाल शर्मा ने करनाल सीट से 4 बार सांसद बने थे। गुरुग्राम सीट पर भी राव इंद्रजीत सिंह ने 4 बार सांसद बनने का रिकॉर्ड बनाया है।
इन चार बारों में, इस बार राव इंद्रजीत सिंह के विजय मार्जिन में थोड़ी गिरावट आई है। वे अब तक के तुलना में पहली बार सबसे कम वोटों से विजयी हो गए हैं। राव इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम के रामपुरा हाउस के निर्देशन में राजनीतिक कार्य कर रहे हैं। यहां के राजनीतिक माहौल में उनका बड़ा योगदान रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह की मृत्यु के बाद, उन्होंने अपने राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी के रूप में राव इंद्रजीत सिंह को बनाया था। अपने पिता के प्रेरणादायक कदमों का पालन करते हुए, राव इंद्रजीत ने दक्षिणी हरियाणा के विभिन्न स्थानों से 11 बार चुनाव लड़े हैं। उन्हें एक बार महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से कारगिल युद्ध के दौरान हार का सामना करना पड़ा था।

राव इंद्रजीत सिंह ने अपने सियासी करियर की शुरुआत 1977 में रेवाड़ी जिले की जाटूसाना विधानसभा से की थी। इसके बाद उन्होंने हरियाणा विधानसभा के सदस्य के रूप में कई बार चुनाव लड़े। उन्होंने 1986 से 1987 और 1991 से 1996 तक प्रदेश सरकार में मंत्री का कार्य भी किया। राव इंद्रजीत सिंह की प्रमुख उपलब्धियों में से एक है कि उन्होंने 2004 में लोकसभा चुनाव में अपने प्रतिद्वंदी से प्रत्याशी को हराया। इसके बाद उन्होंने महेंद्रगढ़ से लोकसभा सीट पर बार-बार चुनाव लड़े और जीत हासिल की। 2008 में हुए परिसीमन के बाद गुरुग्राम को फिर से लोकसभा क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया। इससे पहले यह क्षेत्र महेंद्रगढ़ का हिस्सा था।
