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जालंधर सिविल अस्पताल में ICU की ऑक्सीजन सप्लाई 2 मिनट रुकी, दम घुटने से 3 मरीजों की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

पंजाब

➤जालंधर सिविल अस्पताल के ICU में ऑक्सीजन सप्लाई 2 मिनट रुकी, तीन गंभीर मरीजों की मौत।

➤परिजनों का हंगामा, स्वास्थ्य मंत्री और डीसी ने मौके पर पहुंचकर की उच्चस्तरीय बैठक।

➤जांच के लिए दो अलग-अलग कमेटियां गठित, लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी।

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जालंधर के सिविल अस्पताल में रविवार रात एक गंभीर लापरवाही के चलते तीन ICU मरीजों की मौत हो गई। घटना रात करीब 8:30 बजे की है, जब अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में ऑक्सीजन प्लांट से सप्लाई अचानक दो मिनट के लिए रुक गई। उस समय ICU में कुल पांच मरीज भर्ती थे, जिनमें से तीन – अर्चना (15), अवतार लाल (32) और राजू (30) – ने दम तोड़ दिया। दो अन्य मरीजों की हालत बिगड़ने के बावजूद उन्हें समय रहते बचा लिया गया।

मृतकों में अर्चना को 17 जुलाई को सर्पदंश के बाद ICU में भर्ती किया गया था, अवतार लाल को 27 जुलाई को नशे की ओवरडोज़ के कारण लाया गया था, जबकि राजू को 24 जुलाई से टीबी के इलाज के लिए ICU में रखा गया था।

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घटना के बाद अस्पताल परिसर में हंगामा मच गया। मृतकों के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। रात करीब सवा एक बजे पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह स्वयं सिविल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों के साथ बंद कमरे में आपात बैठक की। वहीं, जालंधर के डीसी हिमांशु अग्रवाल भी देर रात घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति की जानकारी ली।


जांच और जिम्मेदारी तय करने की तैयारी

अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट (MS) डॉ. राज कुमार ने जानकारी दी कि तीन मरीजों की मौत के मामले में एक 9 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी गई है। यह कमेटी दो दिन में रिपोर्ट देगी और यह पता लगाएगी कि यह मौतें तकनीकी खराबी से हुईं या किसी स्टाफ की लापरवाही का नतीजा थीं। डॉ. कुमार ने कहा, “अगर किसी भी कर्मचारी की गलती पाई गई तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”

DC हिमांशु अग्रवाल ने भी कहा कि 72 घंटे में पूरी जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर स्पष्ट होगा कि मरीज पहले से ही गंभीर स्थिति में थे या वाकई ऑक्सीजन की कमी के कारण मौतें हुईं। साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी भी चूक को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा और ज़िम्मेदार लोगों को सजा मिलेगी।


सेहत मंत्री बोले – किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं

पंजाब के सेहत मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने रात करीब एक घंटे तक अस्पताल में स्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने कहा कि “मामले की गंभीरता को देखते हुए एक स्वतंत्र जांच कमेटी गठित की जा रही है, जिसकी अगुआई डिप्टी डायरेक्टर स्तर का अधिकारी करेगा। यह टीम सोमवार सुबह जालंधर पहुंचेगी और पूरी घटना की निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट सीधे मुझे सौंपेगी।”

उन्होंने स्वीकार किया कि मरीजों की स्थिति पहले से नाजुक थी, लेकिन ऑक्सीजन प्रेशर में आई गिरावट ने स्थिति और बिगाड़ दी। उन्होंने दोहराया कि अगर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही साबित होती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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भाजपा नेताओं ने सरकार पर उठाए सवाल

घटना की जानकारी मिलते ही भाजपा नेता और जालंधर के पूर्व सांसद सुशील कुमार रिंकू भी देर रात सिविल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “यह हादसा सरकारी तंत्र की असफलता और लापरवाही का नतीजा है। सरकार को जवाब देना होगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। यह जनता के जीवन से खिलवाड़ है।”