Badrinath Dham : केदारनाथ के बाद अब उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम के भी कपाट खुल गए हैं। रविवार सुबह 6 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण और बद्री विशाल लाल की जय के नारों के बीच श्रद्धालुओं के लिए बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं। इसके मद्देनजर बद्रीनाथ धाम को सुंदर फूलों से सजाया गया है। साथ ही ब्रह्ममुहूर्त में गणेश और द्वार पूजा की गई। मंदिर का कपाट 3 चाबियों से खोला गया।
इस दौरान सेना के बैंड की मधुर धुनों के बीच श्रद्धालु भगवान बद्री विशाल के जयकारे लगाते हुए नजर आए। पहले ही दिन 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं। मंदिर की सजावट करीब 15 क्विंटल फूलों से की गई है। कपाट खुलने के मौके पर अखंड ज्योति के दर्शन को तीर्थ यात्रियों में भारी उत्साह है। कपाट खुलते ही पहले दर्शन अखंड ज्योति के हुए। यह 6 महीने से जल रही है। इसके बाद बद्रीनाथ पर चढ़ा हुआ घी से बना कंबल हटाया गया। जो 6 महीने पहले कपाट बंद होने के समय भगवान को ओढ़ाया जाता है।
बता दें कि पिछले वर्ष 18 नवंबर 2023 से शीतकाल के लिए बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए गए थे। इसके साथ ही अब उत्तराखंड के चार धामों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। इससे पहले तीन धाम श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री, श्री यमुनोत्री धाम के कपाट बीते शुक्रवार अक्षय तृतीया के दिन 10 मई को ही खोले जा चुके हैं। मंदिर कपाट का ताला 3 चाबियों से खोला गया। इनमें एक टिहरी राजदरबार, दूसरी चाबी बद्री-केदार मंदिर समिति के पास और तीसरी चाबी बद्रीनाथ धाम के रावल और पुजारियों के पास होती है, जिन्हें हक-हकूकधारी कहा जाता है। इससे पहले 11 मई को सुबह भगवान बद्रीनाथ की डोली पांडुकेश्वर मंदिर से रवाना हुई। पालकी में गरुड़ और शंकराचार्य की गद्दी थी। पांडुकेश्वर मंदिर से डोली में कुबेर और उद्धव की चलित प्रतिमा भी शामिल हुई।
बद्रीनाथ धाम में दर्शन के लिए पहले दिन 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे है, जबकि करीब 7 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। बद्रीनाथ धाम में 15 क्विंटल फूलों से सजावट और भक्तों की श्रद्धा का अलग ही रंग देखने को मिला है। 11 मई की रात से ही हल्की बारिश होने लगी थी। इससे पहले मौसम विभाग ने 11 से 13 मई तक बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया था। बद्रीनाथ धाम दर्शन के लिए 9 मई की शाम तक कुल 6 लाख 83 हजार लोगों के रजिस्ट्रेशन करवा लिया था।
चारधाम तीर्थ पुरोहित पंचायत के महासचिव डॉ. ब्रजेश सती के अनुसार सुबह 6 से 8 बजे तक भगवान के बिना श्रंगार के दर्शन होंगे। जिसे निर्वाण दर्शन कहते हैं। इसके बाद करीब 8 बजे पहला जलाभिषेक होगा और पहली पूजा प्रधानमंत्री के नाम से होगी। इसके बाद 9 बजे बालभोग लगेगा। दोपहर 12 बजे पूर्ण भोजन का भोग लगेगा। यह भोग ब्रह्मकपाल भेजा जाएगा। भोग पहुंचने के बाद ही वहां पहला पिंडदान होगा।
गौरतलब है कि इससे पहले पंचकेदार में प्रमुख केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा में नया अध्याय भी जुड़ गया है। 10 मई को कपाटोद्घाटन पर धाम में 29030 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि कपाटोद्घाटन के मौके पर इनती बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। श्रीबद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कार्यधिकारी रमेश चंद्र तिवारी के अनुसार इस उपलब्धि से यात्रा में नया अध्याय जुड़ा है। पहले दिन जिस तरह से श्रद्धालुओं से का उत्साह देखने को मिला है। उससे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या और भी अधिक हो सकती है।