Mahakumbh 2025: मकर संक्रांति पर अमृत स्नान शुरू, संगम के तट पर उमड़ा सैलाब, आस्था की डुबकी लगाएंगे अखाड़े

उत्तर प्रदेश धर्म-कर्म

Prayagraj मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान आज से शुरू हो गया है। इस शुभ आयोजन में सनातन धर्म के 13 अखाड़ों की परंपरागत भागीदारी देखने को मिलेगी। प्रशासन ने अखाड़ों के स्नान क्रम और समय का सटीक निर्धारण कर यह सुनिश्चित किया है कि यह पवित्र परंपरा श्रद्धा और अनुशासन के साथ संपन्न हो।

पहले अमृत स्नान की शुरुआत

स्नान की शुरुआत सुबह 5:15 बजे श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा ने की। ये अखाड़े सुबह 6:15 बजे घाट पर पहुंचे और 40 मिनट तक स्नान किया। अखाड़ों का स्नान क्रम पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार निर्धारित है।

1. पहला समूह:

श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा

स्नान समय: सुबह 6:15 से 6:55

शिविर वापसी: सुबह 7:55

2. दूसरा समूह:

श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा और श्री पंचायती अखाड़ा आनंद

स्नान समय: सुबह 7:05 से 7:45

शिविर वापसी: सुबह 8:45

3. तीसरा समूह:

श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंचदशनाम आह्वान अखाड़ा, और श्री पंचाग्नि अखाड़ा

स्नान समय: सुबह 8:00 से 8:40

शिविर वापसी: सुबह 9:40

बैरागी अखाड़ों का स्नान

श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा: सुबह 10:40 से 11:10

श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा: सुबह 11:20 से दोपहर 12:10

श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा: दोपहर 12:20 से 12:50

उदासीन संप्रदाय का समय

नया उदासीन अखाड़ा: दोपहर 1:15 से 2:10

नया उदासीन निर्वाण अखाड़ा: दोपहर 2:20 से 3:20

श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा: दोपहर 3:40 से 4:20

प्रशासन की तैयारी और श्रद्धालुओं का उत्साह

महाकुंभ प्रशासन ने घाटों और मार्गों पर कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हैं। लाखों श्रद्धालु इस पावन स्नान में भाग लेने के लिए उमड़े हैं। इस बार स्नान को ‘अमृत स्नान’ नाम देकर इसे और भी विशेष बनाया गया है।आने वाले दिनों में बसंत पंचमी और अन्य पर्वों पर भी यही व्यवस्था लागू रहेगी। महाकुंभ का यह भव्य आयोजन सनातन परंपरा और आस्था का प्रतीक है।

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