Radhe-Radhe Maharaj

Panipat : जहां ब्राह्मणों का सम्मान नहीं, वह देश और राष्ट्र शीघ्र हो जाता है समाप्त : Radhe-Radhe Maharaj

धर्म

Panipat नगर के मॉल टाउन क्षेत्र में स्थापित प्राचीन श्री सनातन धर्म मंदिर के पावन प्रांगण में गोयल परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवस पर भागवत कथा वाचक राधे-राधे महाराज ने विकास मंच से भागवत के प्रसंग पर चर्चा करते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय एवं देश राज्य शीघ्र समाप्त हो जाता है, जहां ब्राह्मणों का सम्मान नहीं होता। क्योंकि ब्राह्मण ब्रह्मा का मुख होते हैं और शास्त्रों के ज्ञाता होते हैं। शास्त्रों के ज्ञान के आधार पर ही वह इस धरा पर धर्म नीति को लागू करते हैं, धर्म नीति का संचालन करते हैं।

राधे राधे महाराज ने कहा कि इस कलयुग के कालखंड पर ब्राह्मणों का और गांव का एवं संतों का सम्मान होना चाहिए, क्योंकि इस धरती को पाप मुक्त बनाने के लिए और शास्त्रत्तर बनाने के लिए ब्राह्मण ही एक कड़ी का काम कर सकते हैं और ब्राह्मणों को भी चाहिए कि वह अपने धर्म और नीति से प्रमुख न हो ब्राह्मणों का धर्म है कि वह शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त करें और इतना ज्ञान अर्जित कर लें। जिससे समाज को नई दिशा एवं दशा प्रदान की जा सके। राधे राधे महाराज ने कहा कि प्रेम शक्ति है और जो प्रेम से जीतता है, वही वस्तुतः जीतता है। प्रेम जहां है वहां परमात्मा है, क्योंकि प्रेम परमात्मा की उपस्थिति का प्रकाश है।

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राधे राधे महाराज ने कहा कि स्मरण रहे कि जब भी तुम्हारा मन क्रोध से भरता है घृणा से भरता है तभी तुम अशक्त हो जाते हो और परमात्मा से तुम्हारे संबंध क्षीण हो जाते हैं। इसीलिए ही तो क्रोध में घृणा में द्वेष में दुख और संताप पैदा होते हैं। संताप की मनोदशा सर्व की सत्ता से स्वयं की जड़ों के पृथक होने से पैदा होती है। राधे राधे महाराज ने कहा कि प्रेम आनंद से भर देता है शांति संगीत से और करुणा ऐसी सुगंधियों से जो इस पृथ्वी की नहीं हैं। क्योंकि उनमें होकर तुम सर्वात्मा के निकट हो जाते हो, उनमें होकर तुम परमात्मा के हृदय में स्थान पा जाते हो, उनमें होकर तुम तुम नहीं रहते वरन परमात्मा ही तुमसे प्रकट होने लगता है। इसीलिए मैं कहता हूं कि जीवन में जो अखंड और अटूट प्रेम को पा लेता है, वह सब पा लेता है।

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सम्पूर्ण जीवन का मंत्र का मूल साधन भागवत

राधे राधे महाराज ने कहा कि भागवत पुराण ग्रंथ सर्व समाज के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। समाज को नई चेतना जागृत करता है। सम्पूर्ण जीवन मंत्र का मूल साधन है। इस अवसर पर नगर के समस्त श्रद्धालुओं ने भागवत कथा का आनंद लिया एवं भागवत कथा के समापन पर भागवत जी की संपूर्ण मंगला आरती की गई। साथ ही व्यास मंच पर विराजमान राधे राधे महाराज श्रीमुख से भजनों का आनंद लेकर खूब नृत्य किया एवं कथा के उपरांत विशाल प्रसाद वितरण किया गया।

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कथा में ये रहे यजमान

इस अवसर पर कथा के मुख्य अजमान ईश्वर गोयल रामकुमार गोयल, मुकेश गोयल, गौरव गोयल, संत कुमार गोयल ने सर्वप्रथम भागवत कथा ग्रंथ का पूजन, दीप पूजन, ब्राह्मण पूजन किया। इसके उपरांत विकास मंच पर विराजमान प्रसिद्ध कथा वाचक राधे-राधे महाराज को तिलक लगाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। साथ ही कथा में सहयोग करने के लिए श्री सनातन धर्म मंदिर की संपूर्ण सभा एवं मंदिर के प्रधान तरुण गांधी का भी आभार व्यक्त किया।

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ये रहे मौजूद

इस अवसर पर पधारे मुख्य अतिथियों का व्यास मंच से आशीर्वाद एवं पटका देकर दुशाला एवं स्मृति चिन्ह देखकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर ईश्वर गोयल, मुकेश गोयल, संतकुमार गोयल, सनातन धर्म मंदिर के प्रधान तरुण गांधी, तिलक राज मिगलानी, ओमप्रकाश विरवानी, रमेश खन्ना, वैभव छाबड़ा, धीरज छाबड़ा, नंदकिशोर छाबड़ा, सतीश गम्भीर, चमन लाल ढींगडा आदि उपस्थित रहे।

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