हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। प्रत्येक महीने में दो बार एकादशी व्रत का आयोजन किया जाता है, जिसमें विशेष रूप से लक्ष्मी-नारायण की पूजा की जाती है। इस व्रत के माध्यम से पापों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इस व्रत का पालन जीवन में सुख-समृद्धि और इच्छित परिणाम प्राप्त करने के लिए लाभकारी माना जाता है।
मार्च 2025 में दो प्रमुख एकादशी व्रत मनाए जाएंगे। आइए जानते हैं कि मार्च में कब-कब एकादशी व्रत है और उनका महत्व क्या है।
1. आमलकी एकादशी (रंगभरी एकादशी)
- तिथि: 9 मार्च 2025 से 10 मार्च 2025
- महत्व:
आमलकी एकादशी व्रत विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन उपवास रखने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, सुख और शांति का वास होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु को आंवले का फल अर्पित करने से स्वास्थ्य, धन और समृद्धि में वृद्धि होती है। यह व्रत पापों के नाश और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने का सर्वोत्तम साधन माना जाता है।
2. पापमोचिनी एकादशी
- तिथि: 25 मार्च 2025 से 26 मार्च 2025
- महत्व:
पापमोचिनी एकादशी का व्रत अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन उपवास रखने से जन्म-जन्मांतर के पाप समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को रखने से सभी तीर्थ स्थलों के दर्शन और गायों का दान करने से भी अधिक पुण्य मिलता है। इसे विशेष रूप से पापों को दूर करने और मोक्ष प्राप्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
मार्च 2025 में आने वाली आमलकी एकादशी और पापमोचिनी एकादशी व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति पाने के लिए लाभकारी होंगे। इन व्रतों का पालन करने से भक्तों को सुख, समृद्धि, और मोक्ष की प्राप्ति होती है।