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गणेश चतुर्थी आज, जानिए गणपति बप्पा की स्थापना का शुभ मुहुर्त, विधि और पूजा

धर्म

सुख-समृद्धि, सौभाग्‍य के दाता भगवान गणेश का उत्‍सव आज से शुरू हो गया है। गणेश उत्‍सव का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। इन 10 दिनों में गणपति बप्‍पा अपने भक्‍तों के बीच आते हैं। प्रथमपूज्‍य गणपति कल गणेश चतुर्थी के दिन घर-घर में विराजेंगे। इसके बाद 10 दिन तक गणपति उत्‍सव चलेगा और फिर अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन होगा। हिंदू धर्म में चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित की गई है।

इसलिए हर चतुर्थी तिथि को गणेशजी के लिए व्रत रखा जाता है और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस तरह साल में पड़ने वाली सभी 24 चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित हैं।

गणेश चतुर्थी की तिथि

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इस साल गणेश उत्सव आज से शुरू हो रहा है और 28 सितंबर को इसका समापन होगा। गणपति बप्पा इन 10 दिनों के बीच अपने भक्तों के बीच रहकर उनकी मनोकामनाएं पूरी करेंगे। उनके सारे दुख दूर करेंगे और उन्‍हें बुद्धि, धन-समृद्धि और सुख देंगे। वहीं भक्‍त इन 10 दिनों के दौरान गणेश जी की पूजा-अर्चना करने के साथ-साथ उन्‍हें उनके प्रिय मोदक और लड्डुओं का भोग लगाएंगे।

साथ ही इस दौरान गणेश पंडालों की सजावट देखने लायक होती है। 10 दिन के उत्‍सव के दौरान गणेश प्रतिमाओं का आगमन और विसर्जन ढोल-ताशों और विशाल शोभायात्राओं के साथ किया जाता है। इस बार 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन होगा।

क्यों मनाते हैं गणेश चतुर्थी का त्योहार?

गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे देश में बहुत ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और इसके पीछे एक मुख्य वजह छिपी हुई है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश का जन्म ​हुआ था और इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। भगवान गणेश के जन्मोत्सव के दिन लोग उन्हें अपने घरों में लेकर आते हैं और विधि-विधान से उनका पूजन करते हैं।

गणपति स्थापना मुहूर्त

आज सुबह से ही चतुर्थी तिथि लग गई है, जोकि दोपहर 01:43 तक है। चतुर्थी तिथि को देखते हुए आप दोपहर 01:43 तक गणपति की स्थापना कर लें।

ऐसे करें घर में गणपति की स्थापना

गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा की बाईं सूंड वाली मिट्‌टी की मूर्ति लेकर आएं। मिट्टी के अलावा गाय के गोबर, सुपारी, सफेद मदार की जड़, नारियल, हल्दी, चांदी, पीतल, तांबा और स्फटिक से बनी मूर्तियों की भी स्थापना कर सकते हैं। घर के लिए बैठे हुए और कार्यस्थल के लिए खड़े हुए गणपति लाना शुभ होता है। पूर्व या ईशान कोण में गणपति की स्थापना करें। रोजाना सुबह-शाम 10 दिन तक उन्हें भोग लगाएं और आरती करें।

गणपति स्थापना के बाद ऐसे करें 10 दिनों तक पूजा

भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना 10 दिनों तक की जाती है और प्रतिदिन उनकी पूजा भी की जाती है। पूजा के लिए सबसे पहले श्री गणेश का आवाहन करते हुए ‘ऊं गन गणपतए नमः’ मंत्र का उच्चारण करें और गणेशजी की प्रतिमा पर जल छड़कें। इसके बाद भगवान को हल्दी, चंदन , गुलाल सिंदूर ,मौली ,दूर्वा ,जनेऊ , मिठाई ,मोदक ,फल , माला, और फूल सभी चीजें एक-एक कर भगवान को अर्पित करें। भगवान का सभी चीजें अर्पित करने के बाद धूप, दीप के साथ आरती करें और पूजा में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरित करें।

गणेश विर्सजन की रोचक कहानी

गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की स्थापना की जाती है और फिर 10वें दिन उनका विसर्जन किया जाता है। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि आखिर बुद्धि के देवता कहे जाने वाले भगवान गणेश का विसर्जन क्यों किया जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार इसके पीछे एक बेहद ही महत्वपूर्ण कथा छिपी हुई है।

पौराणिक कथा के मुताबिक महर्षि वेदव्यास जी ने भगवान गणेश जी से महाभारत की रचना को लिपिबद्ध करने की प्रार्थना की थी। जिसके बाद गणेश चतुर्थी के दिन ही व्यास जी ने श्लोक बोलना और गणेश जी ने उसे लिपिबद्ध करना शुरू किया था। बिना रूके 10 दिन तक लगातार लेखन किया और 10 दिनों में गणेश जी पर धूल-मिट्टी की परत चढ़ गई। गणेश जी ने इस परत को साफ करने के लिए 10वें दिन सरस्वती नदी में स्नान किया और इस दिन चतुर्थी थी। तभी से गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है और गणेश जी का विधि-विधान से विसर्जन किया जाता है।

भाद्रपद गणेश चतुर्थी की कहानी

पौराणिक कथाओं के अनुसार चतुर्थी तिथि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश का जन्‍म हुआ था इसलिए चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित है। वहीं मान्‍यता है कि भाद्रपद मास की चतुर्थी को ही गणेश जी ने महाभारत को लिखना शुरू किया था। इसलिए गणेश उत्‍सव भाद्रपद गणेश चतुर्थी को ही मनाया जाता है।