Panipat : बल-बुद्धि निधान और रामदूत हनुमान जन्मोत्सव(Hanuman Janmotsav) 23 अप्रैल को पूर्णिमा के दिन मनाया जाएगा। इस दिन मंगलवार समेत कई अन्य शुभ योग रहेंगे। विशेष रूप से हनुमानजी की रथयात्रा(Rath Yatra) निकाली जाएगी।
बता दें कि मंगलवार के अधिपति देव स्वयं हनुमानजी(Hanumanji) हैं। उनका जन्मोत्सव चित्रा नक्षत्र में मनेगा। इस नक्षत्र के भी अधिष्ठाता मंगल देव हैं। मान्यता हैं कि हनुमानजी का जन्म इसी नक्षत्र में हुआ था। इसके अलावा इसी दिन मंगल सुबह 8:20 पर कुंभ से मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इससे शश योग का निर्माण होगा। यह राजयोग की तरह होता हैं। वहीं दूसरी ओर इस दिन शहर के सभी हनुमान मंदिरों में उनकी विशेष पूजा-आराधना होगी। कहीं उन्हें चोला ौर प्रसाद चढ़ेगा, तो कहीं सुंदरकांड और हनुमान चालीसा पाठ होंगे।

पचरंगा बाजार स्थित स्वयंभू प्रकटेश्वर हनुमान मंदिर से हनुमान नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। श्री हनुमान जन्मोत्सव समिति द्वारा सब्जी मंडी से देवी मंदिर तक रथयात्रा निकाली जाएगी। जिसमें डीजे, ढोल, छात्र, महिलाएं, पुरूष समेत अन्य वर्गों के लोग भाग लेंगे और भगवान हनुमान का रथ खींचेंगे। इससे पहले आज यानी शनिवार को कई क्लबों द्वारा इस यात्रा के तहत जागरूक करने के लिए कार रैली निकाली जाएगी। वहीं 22 अप्रैल को हनुमान झंडा यात्रा निकाली जाएगी।

दो बड़े बनेंगे संयोग, विशिष्ट योग
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य एवं पंडित देव नारायण उपाध्याय ने बताया कि 23 अप्रैल को सूर्योदय से पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो जाएगी, जो अगले दिन सुबह 5 बजे तक रहेगी। इस दिन बैसाख स्नान प्रारंभ होगा। खास बात यह है कि संयोगवश इस दिन मंगलवार है। यह दिन हनुमानजी को समर्पित दिवस होता है। इसके अलावा चित्रा नक्षत्र रहेगा। इसी नक्षत्र में हनुमान जी का जन्म हुआ था। यह दो बड़े संयोग जयंती को शुभता प्रदान करने वाले विशिष्ट योग हैं। इसके अलावा शुभ शश और सिद्धि योग भी रहेंगे। इस दिन हनुमत आराधना से विशेष पुण्य मिलेगा और सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा पाठ, बजरंग बाण व हनुमान बाह का से रोग बाधाएं दूर होंगी।

स्वयंभू हनुमान निकलेंगे भ्रमण पर
वहीं विकास गोयल ने बताया कि पचरंगा बाजार स्थित हनुमान मंदिर की सबसे बडी विशेषता यह है कि यहां हर शनिवार को भक्तों को प्रसाद रूप में मीठा पान मिलता है। हम सुनते आए है कि मंदिर के नीचे एक सुरंग भी थी। सुरंग में नाग देवताओं का वास होता था, लेकिन कुछ साल पहले उसे बंद करवाया है, क्योंकि उसमें किसी की जान जाने का खतरा बना रहता था। उन्होंने बताया कि यहां एक कुआं भी होता था, जिसका पानी बेहद मीठा होता था। लेकिन कुएं का दौर खत्म होने के बाद यहां नलकूप बनवाया गया था। इस मंदिर में स्थापित हनुमान जी ही 23 को नगर भ्रमण पर निकलेंगे और भक्तों को आशीर्वाद देंगे।

