पानीपत, (आशु ठाकुर) : इस्कॉन कुरुक्षेत्र(Iskon Kurushetra) व इस्कॉन प्रचार समिति(ISKCON Propagation Committee) पानीपत के संयुक्त तत्वाधान में ऐतिहासिक नगरी पानीपत में श्रीमद् भागवत कथा(Shrimad Bhagwat Katha) व भगवान श्री कृष्ण बलराम रथयात्रा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। आज 19 मई को श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन इस्कॉन कुरुक्षेत्र के अध्यक्ष साक्षी गोपाल दास(Sakshi Gopal Das) का इस्कॉन प्रचार समिति के अध्यक्ष सुंदर लाल चुघ व चेयरमैन राम निवास गुप्ता फूल माला पहनकर स्वागत किया।
इस अवसर पर इस्कॉन प्रचार समिति के सभी सदस्यों ने श्री मद भागवत कथा की शुरुआत कथव्यस पीठ के अध्यक्ष साक्षी गोपाल दास द्वारा करवा और सत्यपति ने कहा कि इस बार पानीपत नगरी में हर वर्ष की भांति सप्त दिवसीय श्री मद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है और कथा व्यास करते हुए साक्षी गोपाल दास ने बताया कि श्रुत गोस्वामी से सभी मुनियों ने कहा कि आप हमारे बीच में आए हो तो आप हमे सभी कथाओं का सार सुना दो, जिसके द्वारा हमारे तड़पती आत्मा सुखी हो जाएगी। ये बात सुनकर के श्रुत गोस्वामी ने कहा कि अरे मुनीश्वरो सभी कथाओं का सार श्री मद भागवत कथा है। श्री मद भागवत कथा ही सब कथाओं और पुराणों का सार है। वैदिक साहित्य रूपी का पका हुआ फल है।

हे मुनियों मैं श्री मद भागवत सुनने से पहले आप सबको श्री मद भागवत कथा का महत्व बताता हूं, श्रुत गोस्वामी ने सभी को भगवान श्री कृष्ण के चरणों में प्रणाम करने को कहा और पूछा की भगवान श्री श्री कृष्ण कोन है और बताया कि भगवान श्री कृष्ण के नाम, रूप और सभी लीलाओं का वर्णन श्री मद भागवतम में किया गया है। श्रुत गोस्वामी बताते है कि श्री कृष्ण का शरीर तीन तत्वों से बना है सच से, चित से और आनंद से, ये भगवान श्री कृष्ण जो है, वो सभी ब्रह्मांडो का सर्जन करते है। इस मौके पर इस्कॉन प्रचार समिति के अध्यक्ष सुन्दर लाल चुघ, आशु गुप्ता, अशोक गोयल, सतीश बुधिराजा, विशाल गोयल, देवेंद्र महाजन, पंकज मेंहदीरत्ता, राज कुमार माटा, जय कुमार गोयल, सनी अग्रवाल आदि सहित अनेक मौजूद रहे।

सारे ब्रह्मांडो का पालन करते है और सारे ब्रह्मांडो का संहार करते है। भ्रमा के रूप में आकर भगवान श्री कृष्ण श्रृष्टि का सर्जन कर देते है, विष्णु रूप में प्रकट होकर सृष्टि का पालन करते है और शिव रूप में प्रकट होकर सृष्टि का संहार कर देते है। भागवत गीता के दसवें अध्याय के आठवें श्लोक में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कहते है कि इस सृष्टि में जो कुछ भी प्रकट हुआ है, वो मुझसे उत्पन हुआ है, जो इन तीनों बताओ को जान व समझ लेता है, वो व्यक्ति बहुत बुद्धिमान है और एक सुंदर भजन गाया कि ये दुनिया बनाना और बनाके फिर चलाना उसी का काम है, बड़ा जबरदात बड़ा मजेदार सब उसका इंतजाम है, उसी के सहारे पे सब जहान है।