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Kirtimukha : ऐसा दानव जिसका दर्जा देवताओं से भी ऊपर, घर को बुरी नजर से बचाने के लिए मूर्ति लगाते हैं लोग

धर्म

Kirtimukha : भगवान शिव की सेना में बहुत से भूत, पिशाच, राक्षस, यक्ष और गण रहते है जो देखने में बड़े भयानक होते है। भगवान शिव का सबसे प्रिय है कीर्तिमुख। इस भयानक गण की मूर्ति लोग अपने घर को बुरी नजर से बचाने के लिए लगाते है। लेकिन ये कोई बुरा राक्षस नहीं हैं।

कहा जाता है कि कीर्तिमुख भगवान शिव को वैसा ही प्रिय हैं जैसे नंदी महाराज। क्योंकि कीर्तिमुख ने भगवान शिव के आदेश पर अपने सारे शरीर को खा लिया और बस इसका ये मुंह ही बच गया था। कीर्तिमान का जन्म भगवान शिव के द्वारा हुआ था। कथा के अनुसार जालंधर नामक राक्षस ने ब्रह्मा जी के वरदान को प्राप्त कर तीनों लोकों को जीत लिया था। तीनों लोकों को जीतने के बाद उसने माता पार्वती पर अपनी कुदृष्टि डाली। जिसके बाद भोलेनाथ रौद्र रुप में आ गए और उनकी भौंहों के बीच से कीर्तिमुख उत्पन्न हुआ।

कीर्तिमुख ने जालंधर के दूत पर हमला कर दिया और उसे वो खाने ही वाला था कि दूत ने शिव जी से माफी मांग ली और भगवान शिव ने उसे जीवनदान दे दिया। जालंधर के दूत के भाग जाने पर कीर्तिमुख ने कहा भगवान अब मैं किसे खाऊं? तब भगवान शिव ने कीर्तिमुख को आदेश दिया कि तुम खुद को ही खा लो। शिवजी का आदेश पाकर कीर्तिमुख ने स्वयं को ही पूरा खा लिया। जिसके बाद भगवान शिव ने कीर्तिमुख को वरदान दिया कि आज से बिना तुम्हारी पूजा किए कोई भी मुझे नहीं पा सकेगा।

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