Vastu Tips के अनुसार शादी हर किसी के जीवन का खास और महत्वपूर्ण पल होता है, और इस खुशी को बढ़ाने के लिए कई चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। शादी के कार्ड का चयन भी एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह न केवल एक घोषणा है बल्कि इसके जरिए वैवाहिक जीवन की सुख-शांति का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। हालांकि, शादी के कार्ड के चयन में अक्सर लोग अपनी पसंद के अनुसार डिजाइन करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे छपवाने में भी वास्तु के नियमों का पालन करना जरूरी है?
शादी के कार्ड का आकार और रंग
वास्तु शास्त्र के अनुसार, शादी के कार्ड का आकार चौकोर होना चाहिए। गोलाकार, आयताकार या अंडाकार कार्ड अशुभ माने जाते हैं। ऐसे कार्ड से वैवाहिक जीवन में समस्याएं आ सकती हैं। रंगों की बात करें तो सबसे उत्तम रंग लाल, पीला, सफेद और केसरी होते हैं। काले रंग के कार्ड को तो कभी नहीं छपवाना चाहिए, क्योंकि यह अपशगुन हो सकता है।
शादी के कार्ड पर कौन सी तस्वीर और मंत्र हो
शादी के कार्ड पर स्वास्तिक, नारियल, कलश, भगवान गणेश या राधा-कृष्ण की तस्वीर होना चाहिए। इसके अलावा, शादी के कार्ड पर गणेश भगवान से संबंधित एक शुभ मंत्र “मंगलम भगवान विष्णु, मंगलम गरुड़ ध्वजा, मंगलम पुंडरीकाक्ष, मंगलाय तनो हरि” लिखवाना भी शुभ माना जाता है।
शादी के कार्ड पर क्या विवरण हो
शादी के कार्ड पर हल्दी सेरेमनी, मेहंदी, फेरे, और रिसेप्शन की तारीख और समय लिखा जाना चाहिए। साथ ही, दूल्हा-दुल्हन के नाम के साथ उनके माता-पिता का नाम भी होना चाहिए, ताकि कार्ड पर सभी की शान बनी रहे।
बचे हुए कार्ड का क्या करें?
कभी-कभी शादी के कार्ड बहुत अधिक छप जाते हैं और कई कार्ड बच जाते हैं। ऐसे में इन्हें फाड़कर कचरे में फेंकना अशुभ हो सकता है, क्योंकि कार्ड पर स्वास्तिक, गणेश भगवान और राधा-कृष्ण की तस्वीरें होती हैं। यह इनका अपमान होगा। ऐसे में बचे हुए कार्ड को आप किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर सकते हैं, जिससे किसी भी प्रकार का अपशगुन न हो।