13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई है। इस ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे प्रमुख नेताओं ने भी अपनी आस्था जताई और डुबकी लगाई। इसके अलावा, कई देशों के प्रतिनिधियों ने भी इस पवित्र अवसर पर संगम में स्नान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज माघ महीने की अष्टमी तिथि पर संगम में पवित्र स्नान किया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहे। पीएम मोदी के प्रयागराज दौरे को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
पीएम मोदी ने क्यों चुनी यह तिथि?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माघ माह की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर इस पुण्यकाल में संगम में स्नान किया। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह तिथि विशेष रूप से शुभ मानी जाती है, जहां तप, ध्यान और साधना को अत्यधिक फलदायी माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन तप और स्नान करने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।
भीष्माष्टमी की मान्यता
माघ माह की अष्टमी तिथि को ‘भीष्माष्टमी’ के रूप में भी जाना जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार, महाभारत के दौरान इस तिथि पर भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्यागे थे और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।
महाकुंभ से पहले गंगा आरती
महाकुंभ के आयोजन से पहले, 13 दिसंबर 2024 को प्रधानमंत्री मोदी ने संगम तट पर गंगा की आरती और पूजा कर इस महाआयोजन के सकुशल संपन्न होने की मंगलकामना की थी। इसके अलावा, अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने 5,500 करोड़ रुपये की लागत वाली 167 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया।