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Mahakumbh 2025: भगदड़ के बाद बदले नियम, अब बसंत पंचमी से महाशिवरात्रि तक ऐसे होंगे शाही स्नान!

उत्तर प्रदेश धर्म-कर्म

Prayagraj महाकुंभ 2025 आस्था और श्रद्धा का सबसे बड़ा संगम बना हुआ है। करोड़ों श्रद्धालु अब तक पुण्य की डुबकी लगा चुके हैं, लेकिन मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ ने दर्दनाक हादसे का रूप ले लिया। इस हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि लगभग 60 घायल बताए जा रहे हैं, जिसके बाद प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था में बड़े बदलाव किए हैं।

अब महाकुंभ में तीन प्रमुख स्नान बाकी हैं, जिनमें भारी भीड़ जुटने की संभावना है। आइए जानते हैं कौन-कौन से हैं ये स्नान और क्या बदले हैं सुरक्षा के नियम।

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महाकुंभ के बाकी 3 प्रमुख स्नान

बसंत पंचमी (3 फरवरी 2025) – विद्या और बुद्धि की देवी सरस्वती के पूजन का दिन। इस दिन श्रद्धालु संगम में स्नान कर मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।

माघी पूर्णिमा (12 फरवरी 2025) – इस दिन स्नान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।

महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025) – यह महाकुंभ का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण पर्व स्नान होगा। इसी दिन महाकुंभ का विधिवत समापन होगा।

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भगदड़ के बाद 5 बड़े बदलाव

नो-व्हीकल जोन – अब कुंभ क्षेत्र के महत्वपूर्ण स्नान घाटों पर वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से बंद रहेगा।

 वन-वे रूट – भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मार्गों को एकतरफा (वन-वे) किया गया है, जिससे अव्यवस्था और धक्का-मुक्की को रोका जा सके।

 यातायात पर विशेष नियंत्रण – मुख्य स्नान पर्वों पर ट्रैफिक प्लान में बदलाव कर वाहनों को बाहरी सर्किट से डायवर्ट किया जाएगा।

 360 स्पेशल ट्रेनें – श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे ने 360 विशेष ट्रेनें चलाई हैं, ताकि अधिक भीड़ एक जगह जमा न हो।

 सुरक्षा बलों की तैनाती – मेले में अतिरिक्त पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों को तैनात किया गया है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हुए भावुक, न्यायिक जांच के आदेश

इस घटना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी झकझोर कर रख दिया। पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब उन्होंने हादसे का जिक्र किया, तो उनका गला भर आया और आंखें नम हो गईं। उन्होंने साफ कहा कि यह हादसा भारी भीड़ और बैरिकेड्स टूटने के कारण हुआ। इसके तुरंत बाद, उन्होंने न्यायिक जांच के आदेश देते हुए तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। आयोग की अध्यक्षता पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार करेंगे, जबकि पूर्व डीजी वी.के. गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डी.के. सिंह इसकी जांच करेंगे। यह आयोग जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपेगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

सीएम योगी आज लेंगे व्यवस्थाओं का जायजा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए न्यायिक जांच के आदेश दिए और मृतकों के परिवारों को 25-25 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। उन्होंने बृहस्पतिवार को अपना दिल्ली दौरा रद्द कर प्रयागराज जाने का फैसला किया, जहां वे सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे और कड़े फैसले ले सकते हैं।

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अब तक 27.58 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

मौनी अमावस्या के दिन रात 8 बजे तक 7.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। अब तक कुंभ में कुल 27.58 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं, जबकि 10 लाख श्रद्धालु कल्पवास में डटे हुए हैं। अब प्रशासन की असली परीक्षा बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के स्नान पर होगी।

360 से ज्यादा ट्रेनों का संचालन: कुंभ से लौटने वालों को राहत

प्रयागराज महाकुंभ में उमड़ी भारी भीड़ के कारण रेलवे ने एक बड़ा निर्णय लिया है। यात्रियों को सुरक्षित वापस भेजने के लिए 360 से अधिक ट्रेनों को संचालित करने की योजना बनाई गई है। खास बात यह है कि शाही स्नान के दिन कोई भी नई स्पेशल ट्रेन यात्रियों को लेकर प्रयागराज नहीं पहुंचेगी, बल्कि प्रयागराज से बाहर जाने वाली ट्रेनों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि जो श्रद्धालु पहले से ही प्रयागराज में मौजूद हैं, उन्हें बाहर भेजने की प्राथमिकता दी जाएगी। इससे स्टेशन क्षेत्र में अनावश्यक भीड़ नहीं बढ़ेगी और व्यवस्था सुचारु बनी रहेगी।

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सुरक्षा के कड़े इंतजाम: प्रशासन का आपातकालीन प्लान

भगदड़ की घटना के बाद डीजीपी मुख्यालय सक्रिय हो गया और तत्काल प्रयागराज तथा आसपास के जिलों के अफसरों को विशेष सुरक्षा उपाय करने के निर्देश दिए गए। प्रयागराज की ओर आने वाले प्रमुख मार्गों को बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया गया, जिससे भीड़ का दबाव नियंत्रित किया जा सके। वहीं, जिन श्रद्धालुओं ने पहले ही स्नान कर लिया है, उन्हें वैकल्पिक मार्गों से वापस भेजने की व्यवस्था की गई। इससे संगम नोज पर भीड़ को संभालने में सफलता मिली। वाराणसी और अयोध्या में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि किसी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।

घटना की उच्चस्तरीय समीक्षा, पुलिस भी करेगी गहन जांच

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस भी अपने स्तर पर जांच करेगी और हादसे के कारणों की गहराई से पड़ताल की जाएगी। गुरुवार को मुख्य सचिव और डीजीपी प्रयागराज जाकर हालात की समीक्षा करेंगे। प्रशासन इस पूरे मामले को बेहद संवेदनशील तरीके से हैंडल कर रहा है ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह महाकुंभ, जो श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है, को किसी भी अप्रिय घटना से बचाने के लिए प्रशासन अपनी पूरी ताकत झोंक रहा है।

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