उत्तर प्रदेश के बरेली में एक दिल दहला देने वाला हत्याकांड सामने आया है। PAC की 8वीं बटालियन में तैनात जवान रवि ने अपनी पत्नी मीनू को रास्ते से हटाने के लिए 3 लाख की सुपारी दी। पुलिस केस से बचने के लिए उसने अपने दोस्त शानू और एक कंपाउंडर जतिन की मदद ली।
रवि पहले भी कई बार पत्नी मीनू के साथ मारपीट कर चुका था। एक बार तो गला दबाकर मारने की कोशिश भी की थी, लेकिन तब मामला शांत कर दिया गया था। इस बार उसने पूरी तैयारी के साथ पत्नी को मारने की साजिश रची।
रवि ने शानू से पत्नी को मारने का प्लान बताया। शानू ने गोली मारने से मना कर दिया, क्योंकि इससे पुलिस का शक रवि पर आ सकता था। उसने रवि को अपने दोस्त जतिन से मिलवाया, जो कंपाउंडर था। जतिन ने कहा कि वह ऐसी दवाइयां देगा जिससे मौत भी हो जाएगी और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कुछ नहीं आएगा।
हत्या की कीमत 3 लाख तय हुई। रवि ने एडवांस में 60 हजार रुपए दिए, क्योंकि जतिन ने कहा था कि दवाओं का खर्च 50 हजार रुपए आएगा। हत्या की पूरी प्लानिंग के बाद 23 फरवरी को रवि अपनी पत्नी मीनू को कार में बिठाकर फरीदपुर इनायत खां के जंगल में ले गया। पत्नी ने पूछा कि यहां क्यों आए हैं, तो उसने कहा कि प्लॉट देखना है।
वहां पहले से शानू और जतिन मौजूद थे। दोनों कार में बैठे और फिर एक-एक कर साजिश को अंजाम दिया गया। शानू ने मीनू के पैर पकड़े, रवि ने हाथ पकड़ लिए और जतिन ने मीनू की गर्दन में 7 इंजेक्शन लगा दिए। एक घंटे के भीतर मीनू की मौत हो गई। हत्या के बाद रवि ने खुद को भी गिराकर घायल दिखाने की कोशिश की और दोस्त संजय को फोन कर कहा कि बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया।
पुलिस को हुआ शक, CDR से खुला राज
24 फरवरी को मीनू के पिता जगदीश ने रवि के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने जब रवि के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की जांच की, तो एक महिला का नंबर मिला, जिससे रवि की बार-बार और लंबी बातचीत हो रही थी। यही महिला रवि की प्रेमिका थी और उसी के लिए उसने पत्नी को मारने की साजिश रची थी। इसके बाद पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई और जतिन तक पहुंच गई। जब जतिन से पूछताछ की गई, तो उसने शानू का नाम लिया। फिर पुलिस ने शानू को भी अरेस्ट कर लिया।
आरोपी पति रवि ने कबूला जुर्म
पुलिस पूछताछ में रवि ने कबूल किया कि वह पत्नी से छुटकारा पाना चाहता था। पहले तांत्रिक के पास भी गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। फिर प्रेमिका की वजह से पत्नी को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने की प्लानिंग बनाई। शानू और जतिन की मदद से पत्नी की हत्या कर दी, लेकिन पुलिस की जांच में पूरा सच सामने आ गया।
तीन मासूम बेटियों की दुनिया उजड़ी
मीनू की मौत के बाद उसकी तीन बेटियां अनाथ हो गई हैं। बड़ी बेटी 8 साल, दूसरी 6 साल और सबसे छोटी 4 साल की है। मीनू के पिता का कहना है कि उनकी बेटी को पहले भी बहुत प्रताड़ना झेलनी पड़ी थी, लेकिन समाज और परिवार के दबाव में उन्होंने उसे ससुराल भेज दिया। उन्हें क्या पता था कि दामाद इस हद तक गिर जाएगा कि अपनी ही पत्नी की हत्या कर देगा।