अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अपने अंतिम चरण में है और एक बार फिर एक भव्य धार्मिक आयोजन की तैयारी जोरों पर है। इस बार मंदिर की पहली मंजिल पर भगवान राम को “राजा” के रूप में प्रतिष्ठित किया जाएगा। यह आयोजन उस ऐतिहासिक 22 जनवरी 2024 के समारोह के बाद अगला बड़ा चरण है, जब गर्भगृह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी।
क्या होगा खास इस बार
- राम दरबार की भव्य स्थापना:
पहली मंजिल पर भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान के साथ राजसी राम दरबार स्थापित किया जाएगा। ये मूर्तियां सफेद मकराना संगमरमर में जयपुर के मूर्तिकार प्रशांत पांडे और उनकी 20 सदस्यीय टीम द्वारा तैयार की जा रही हैं। - राजसी स्वरूप में राम लला:
इस आयोजन में भगवान राम को “राजा” के रूप में विराजमान किया जाएगा, जो राम मंदिर की दिव्यता को एक नया आयाम देगा। - मंदिर निर्माण का समापन समारोह:
यह आयोजन राम मंदिर निर्माण के लगभग पूर्ण होने का प्रतीक होगा। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के अनुसार, अप्रैल के अंत तक मंदिर परिसर का कार्य पूरा हो जाएगा। - विशालकाय तुलसीदास प्रतिमा:
रामचरितमानस के रचयिता संत तुलसीदास की एक भव्य प्रतिमा भी मंदिर परिसर में स्थापित की जा रही है।
मंदिर की भव्यता – नागर शैली की झलक
380 फीट लंबा, 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा यह मंदिर पारंपरिक नागर शैली में बनाया गया है।
कुल 392 स्तंभ और 44 नक्काशीदार दरवाजे इसकी शोभा बढ़ाते हैं। वर्तमान में 90% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और शेष परकोटे व अन्य कार्य दिसंबर 2025 तक पूरे हो जाएंगे।
अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय
मंदिर स्थल से लगभग 4 किमी दूर बन रहा अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय भी इस परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें भगवान राम का एक होलोग्राम होगा और खुदाई से प्राप्त ऐतिहासिक वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी।
मई की शुरुआत में शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया (30 अप्रैल) तक सभी प्रमुख मूर्तियां स्थापित कर दी जाएंगी। इसके बाद मई की शुरुआत में एक शुभ तिथि पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न किया जाएगा।