Haryana के रोहतक लोकसभा सीट से दीपेंद्र हुड्डा के सांसद बनने के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए आज से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।
इस सीट पर चुनाव के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के पास विधायकों की संख्या बराबर है, लेकिन विपक्ष को क्रॉस वोटिंग का डर है। इसकी वजह यह है कि तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने भाजपा जॉइन कर लिया है, लेकिन विधानसभा रिकॉर्ड में वह अभी भी कांग्रेस की विधायक के तौर पर दर्ज हैं।
कांग्रेस की याचिका
कांग्रेस ने दल बदल कानून के तहत स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के पास किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने के लिए याचिका दायर की है। हालांकि इस याचिका पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है।
चुनाव का शेड्यूल
हरियाणा में राज्यसभा की 5 सीटें हैं। दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद बनने के बाद उनकी राज्यसभा सीट खाली हो गई थी। उनका कार्यकाल अप्रैल 2026 तक था, लेकिन चूंकि शेष कार्यकाल एक वर्ष से अधिक है, इसलिए भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने उपचुनाव की घोषणा की है। नामांकन की अंतिम तारीख 21 अगस्त है, जबकि 27 अगस्त तक प्रत्याशी अपना नाम वापस ले सकते हैं। वोटिंग 3 सितंबर को होगी और उसी दिन परिणाम घोषित किया जाएगा।
सीट कैसे हुई खाली?
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 69 (2) के तहत, यदि राज्यसभा का सदस्य लोकसभा के लिए निर्वाचित होता है, तो राज्यसभा की सीट स्वतः ही खाली हो जाती है। इस कारण से 4 जून से ही दीपेंद्र हुड्डा की राज्यसभा सदस्यता समाप्त हो गई थी।
विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष बराबर
राज्यसभा चुनाव में विपक्ष एकजुट हुआ तो भाजपा के लिए मुश्किलें हो सकती हैं। भाजपा के पास 41 विधायक हैं, हलोपा के 1 और एक निर्दलीय मिलाकर कुल 43 विधायक हैं। तोशाम की विधायक किरण चौधरी, जिन्होंने भाजपा जॉइन किया है, भी भाजपा के पक्ष में वोट कर सकती हैं, अगर कांग्रेस की याचिका पर स्पीकर कोई कार्रवाई नहीं करते। विपक्ष में कांग्रेस के 28, जजपा के 10, INLD के 1 और 4 निर्दलीय विधायक हैं। यानी कुल 43 विधायक हैं, जिससे सत्ता पक्ष और विपक्ष की स्थिति बराबर है।
क्रॉस वोटिंग का असर
अगर क्रॉस वोटिंग होती है तो भाजपा को फायदा हो सकता है। जजपा के 2 विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा ने पहले भी भाजपा की मदद की थी। भाजपा को उनसे समर्थन की उम्मीद है। कांग्रेस में गुटबाजी के कारण भाजपा को कांग्रेस से भी क्रॉस वोटिंग की उम्मीद है। पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कई बार कहा है कि कांग्रेस के विधायक एकजुट नहीं हैं।