हिसार की एसीबी टीम द्वारा सिंचाई विभाग के एक्सईएन, क्लर्क और अकाउंटेंट को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार करने का मामला सामने आया है। जिसमें बिल पास कराने की एवज में बधावड़ के ठेकेदार से 45,000 रुपए की रिश्वत मांगी थी। मामले में बरवाला के गांव बधावड़ के रहने वाले जितेंद्र ने एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत की थी।
वहीं शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसने वर्ष 2022 में गांव में एक ड्रेन खोदने का कार्य ठेके पर लिया था। कार्य के पूरा होने पर विभाग से 22 लाख रुपए की पेमेंट नहीं मिल पा रही थी, तो सिंचाई विभाग के क्लर्क ने रुपए की मांग की थी। पहले 23,500 लेकर 10 लाख का बिल पास करवाया था। एसीबी की रेड की टीम में इंस्पेक्टर अजीत सिंह, एएसआई विजेंद्र, ईएचसी प्रमोद, ईएचसी इंद्रपाल, ईससी चरण पाल, सिपाही राजेश टीम में मौजूद रहे।
12 लाख के बिल को करवाना था पास
इसके बाद दोबारा से 12 लाख रुपए के बिल को पास करवाने के लिए इन्होंने 45000 रुपए की मांग की। बाद में 35000 रुपए में सौदा तय हो गया। इसके बाद जितेंद्र ने विजिलेंस टीम को शिकायत दे दी। ठेकेदार जितेंद्र द्वारा शिकायत देने पर इंस्पेक्टर अजीत सिंह गिल ने टीम तैयार की। ठेकेदार जितेंद्र को रुपए देकर भेजा, ठेकेदार ने जैसे ही सुखविंद्र को 35000 दिए। एसीबी इंस्पेक्टर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
एक्सईएन को नहर कालोनी से किया काबू
सुखविंदर को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ते हुए टीम ने सच्चाई विभाग में लेखा लिपिक जगदीश चंद्र को भी टीम ने हिसार के ग्लोबल स्पेस से काबू किया। वहीं एक्सईएन को नहर कॉलोनी हिसार से काबू किया। इंस्पेक्टर अजीत सिंह गिल ने बताया कि शिकायतकर्ता ने कुछ दिन पहले आरोपियों को 23,500 दिए थे, जिन्हें बरामद कर लिया गया है। वहीं आरोपी लेखा लिपिक जगदीश चंद्र से 5500 रुपए और 18000 रुपए बरामद कर लिए गए हैं।