प्रदेश में बढ़ते एयर पॉल्यूशन वायु प्रदूषण को देखते हुए सरकार के द्वारा पहले चरण में 14 जिलों में ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) लागू कर दिया गया है। जिलों में डीजल से चलने वाले जनरेटर सेट नहीं चल पाएंगे। हालांकि सरकार की ओर से ग्रेप लागू होने से ठीक एक दिन पहले कुछ आपात सेवाओं को 31 दिसंबर तक छूट दी गई है।
एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (एसीक्यूएम) ने जनरेटर पर पाबंदी को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। अधिकारियों ने फाइनल ड्राफ्ट को मानने से इनकार कर दिया है। पहले इसका समय 3 महीने बढ़ाने के लिए ड्राफ्ट तैयार किया गया था। एसीक्यूएम ने इसमें 25 केवीए तक के जेनरेटर में ड्यूल किट लगाने की छूट दे दी है। इससे अब उद्योगपति अपने उद्योग चलाने के लिए बगैर किट के जनरेटर नहीं चला पाएंगे।
64 प्रतिशत एरिया प्रभावित
सरकार के इस फैसले से सूबे का 64 प्रतिशत एरिया प्रभावित हुआ है। अधिकतर उद्योग भी इन्हीं 14 जिलों के अंतर्गत आते हैं। हालांकि सरकार की ओर से इन जिलों में निर्बाध बिजली की आपूर्ति करने के निर्देश दिए हैं। इन जिलों में भिवानी, चरखीदादरी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़, मेवात, पलवल, रोहतक, करनाल, पानीपत व सोनीपत शामिल हैं।

25 केवीए से कम क्षमता वाले जनरेटरों में नहीं लगाई जाएगी किट
एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन के द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि 25 केवीए से कम क्षमता वाले जनरेटरों में कोई किट नहीं लगाई जाएगी। इसमें कोई बदलाव भी नहीं होगा। 25 से 140 केवीए क्षमता तक के जनरेटर पर गैस और डीजल वाली ड्यूल किट लगानी होगी। 140 केवीए से ऊपर की क्षमता वाले जनरेटर पर ड्यूल किट या आरईसीडी में से एक किट लगानी पड़ेगी। आरईसीडी किट एक तरह से फिल्टर का काम करेगी, जो धुएं में 2.5 पीएम को कंट्रोल करेगी।
आपात सेवाओं को 3 महीने की दी गई छूट
एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन के द्वारा कुछ आपात सेवाओं को 3 महीने की छूट दी है। इनमें लिफ्ट, एस्केलेटर, ट्रैवलेटर, चिकित्सीय सेवाएं, अस्पताल, नर्सिंग होम, सेहत देखभाल संस्थान, रेलवे, मेट्रो, हवाई अड्डे, बस स्टैंड, एसटीपी, जल पंपिंग स्टेशन, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं राष्ट्रीय महत्व के प्रोजेक्ट, दूर संचार एवं आईटी डेटा सेवा शामिल हैं।