Nuh की जेल(jail) में मंगलवार को दो कैदियों ने संदिग्ध परिस्थितियों में मौत(Two prisoners died) होने का मामला सामने आया हैं। इन मौतों के बाद मृतकों के परिजनों ने जेल प्रशासन पर हत्या(murder) का आरोप लगाया है। पुलिस ने दोनों शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी नूंह(CHC Nuh) में भेज दिया है और मामले की जांच में जुटी हुई है। इन मौतों को लेकर परिजनों में काफी गुस्सा है।
जानकारी के मुताबिक 23 वर्षीय वकील(23-year-old lawyer) राजपाल का बेटा और रणसीका गांव का निवासी था, 30 जून से नूंह की जेल में बंद था। वकील पर नाबालिग से बलात्कार के आरोप में पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत पिनगवां थाने में मामला दर्ज किया गया था। वहीं दूसरे कैदी का नाम नारायण(prisoner’s name is Narayan) था, जो 22 वर्ष का था और सुमोता का बेटा था। नारायण खलीलपुर तिजारा गांव का निवासी था। उसके परिजन अभी तक नहीं पहुंचे हैं। जेल प्रशासन ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए नूंह सीएचसी में रखवा दिया है। नूंह जेल में कैदियों द्वारा आत्महत्या करने का यह पहला मामला सामने आया है।

हालांकि इससे पहले भी जेल प्रशासन पर कैदियों के साथ मारपीट करने के आरोप लग चुके हैं। फिलहाल मौत के कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच के बाद ही हो सकेगा। परिजनों ने इस मामले को लेकर थाने पंचायत की। उनका आरोप है कि उनके परिवार के सदस्यों की जेल में हत्या की गई है।
झूठे केस में था फंसाया
कैदी वकील के परिजनों का कहना है कि वकील को झूठे केस में फंसाया गया था और जेल में उसकी हालत ठीक नहीं थी। उन्हें शक है कि वकील को मारपीट कर आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया। वहीं नारायण के परिजन भी यह मानने को तैयार नहीं हैं कि नारायण ने आत्महत्या की है। उनका कहना है कि नारायण की हत्या की गई है और इसे आत्महत्या का रूप दिया गया है।