पहले हरियाणा और अब महाराष्ट्र में हार के बाद कांग्रेस ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक कार्यक्रम में कहा कि पार्टी ईवीएम से चुनाव नहीं चाहती और बैलेट पेपर के जरिये मतदान की वकालत करती है। खड़गे ने बैलेट पेपर के समर्थन में देशव्यापी अभियान शुरू करने की भी घोषणा की।
बैलेट पेपर से चुनाव की मांग
संविधान रक्षक अभियान कार्यक्रम के दौरान खड़गे ने कहा कि हमें ईवीएम से चुनाव नहीं चाहिए। हमें बैलेट पेपर से चुनाव चाहिए। जैसे हमने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली थी, वैसे ही बैलेट पेपर के लिए एक बड़ा अभियान चलाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि ईवीएम के जरिए वोटिंग में पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं और बैलेट पेपर से मतदान अधिक निष्पक्ष होगा।
प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना
खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मोदी जी जातिगत जनगणना से डरते हैं। गरीब, एससी, एसटी, ओबीसी के लोग वोट दे रहे हैं, लेकिन उनका वोट फिजूल जा रहा है। हमें ईवीएम की बजाय मतपत्र से चुनाव चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि यदि मशीनें अहमदाबाद के किसी गोदाम या नेताओं के घर में रखी जाएं, तो भी कांग्रेस बैलेट पेपर से चुनाव की मांग जारी रखेगी।
बीजेपी पर तीखे आरोप
खड़गे ने भाजपा पर देश में विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार में आदिवासियों पर अत्याचार, महिलाओं से हिंसा, और कमजोर तबकों के खिलाफ अपराध हो रहे हैं। यह सरकार संविधान की रक्षा नहीं कर रही, बल्कि इसे खत्म करने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस का अगला कदम
कांग्रेस अब बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग पर जन जागरूकता फैलाने के लिए भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर अभियान शुरू करेगी। इस मुद्दे पर पार्टी अन्य विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने की कोशिश भी करेगी।
राजनीतिक महत्व
यह बयान कांग्रेस की चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसका मकसद मतदाताओं के बीच पारदर्शिता और विश्वास का मुद्दा उठाना है। अब देखना होगा कि बैलेट पेपर की इस मांग पर अन्य दलों और जनता की क्या प्रतिक्रिया होती है।