Haryana में भाजपा की ‘सेफ सीट’ मानी जा रही हिसार सीट पर मंत्री कमल गुप्ता और जिंदल परिवार में टिकट को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है। इसी बीच कुरूक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल ने दिल्ली में मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद से ही कयास ये लगाए जा रहे हैं कि नवीन जिंदल अपनी मां सावित्री जिंदल को चुनाव न लड़वाकर पत्नी शालू जिंदल या करीबी को चुनाव लड़वा सकते हैं।हालांकि जिंदल हाउस ऐसी किसी चर्चा से मना कर रहा है, जबकि गुप्ता खेमे का कहना है कि जिंदल हाउस ने चुनाव से कदम पीछे खींच लिए हैं।
मगर भाजपा के विश्वसनीय सूत्रों का दावा है कि हिसार सीट की टिकट जिंदल हाउस के पास ही रहेगी। जिंदल हाउस ने कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया है और प्रचार भी शुरू कर दिया है। जिस तरह से कुरुक्षेत्र में नवीन जिंदल का चुनाव लड़ा गया, इसी तरह ही हिसार में भी वही टीम चुनाव प्रचार का जिम्मा उठाएगी।
हिसार में दोनों नेताओं की उम्मीदवारी आकिर पक्की क्यों?
मंत्री कमल गुप्ता लगातार 2 चुनाव जीते, सावित्री जिंदल को भी हराया
कमल गुप्ता 2 बार हिसार सीट से चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने 2014 के बाद 2019 में भी लगातार चुनाव जीता। 2014 में तो कमल गुप्ता ने सावित्री जिंदल को ही हराया था। बता दें कि उस समय सावित्री ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। चूंकि, गुप्ता सरकार में मंत्री हैं और सावित्री जिंदल को भी हरा चुके हैं, इसलिए वह अपने आपको मजबूत दावेदार के तौर पर पेश कर रहे हैं।
हिसार से सावित्री जिंदल 2 बार चुनाव जीत चुकीं, मंत्री भी रहीं
हिसार सीट पर सावित्री जिंदल का भी रसूख अच्छा-खासा है। वह 2 बार हिसार से चुनाव जीतकर विधायक बन चुकी हैं। पहला चुनाव उन्होंने 2005 में जीता था। तब उपचुनाव जीतकर वह भूपेंद्र हुड्डा की अगुआई वाली सरकार में शामिल हुई थीं। 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की। 2013 में भूपेंद्र हुड्डा की सरकार में उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया था।
हिसार है BJP की सेफ सीट
हिसार BJP की सेफ सीट मानी जाती है। डॉ. कमल गुप्ता यहां से 2 बार विधायक रह चुके हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में हिसार से भाजपा को 36605 की लीड मिली थी। इस कारण यहां दावेदारी जताने वालों में ऐसा नेता भी है जिनका धरातल पर कोई जनाधार भी नहीं है। मगर मौजूदा विधायक खुद के तैयार ग्राउंड पर किसी ओर को बैटिंग नहीं करना देना चाहते।