हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी और उनके कैबिनेट सहयोगियों की Mahakumbh यात्रा की तारीख तय हो गई है। मुख्यमंत्री सैनी 7 फरवरी को अपने सहयोगियों के साथ प्रयागराज के संगम तट पर महाकुंभ स्नान के लिए जाएंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने खुद इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि वह इस महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन में भाग लेंगे।
हरियाणा सरकार की खास तैयारी
देशभर से करोड़ों श्रद्धालुओं के महाकुंभ में आने की उम्मीद है, जिसके मद्देनजर हरियाणा सरकार ने विशेष प्रबंध किए हैं। 30,000 श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज में सेक्टर-18 में रहने और खाने की व्यवस्था की गई है। इसके इंतजाम की जिम्मेदारी आरएसएस के पर्यावरण गतिविधि संगठन ने ली है।
हरियाणा के स्पीकर होंगे स्टेट गेस्ट!
उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण को महाकुंभ में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। खास बात यह है कि अगर कल्याण महाकुंभ में जाते हैं तो उन्हें यूपी सरकार की ओर से राजकीय अतिथि (स्टेट गेस्ट) का सम्मान मिलेगा।
गुरुग्राम से भेजे गए पर्यावरण अनुकूल सामान
महाकुंभ को प्लास्टिक मुक्त और हरित कुंभ बनाने के लिए आरएसएस के पर्यावरण संगठन ने 30,000 थालियां, 30,000 थैले और 6,000 गिलास भेजे हैं। पूरे हरियाणा से कुल 60,000 थालियां, 40,000 थैले और 10,000 गिलास महाकुंभ के लिए भेजे गए हैं।
महाकुंभ के लिए भव्य रोड शो
हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में महाकुंभ के प्रचार-प्रसार के लिए एक भव्य रोड शो का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, धार्मिक संगठन और सांस्कृतिक समूहों के प्रतिनिधि शामिल हुए। रोड शो का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और महाकुंभ के महत्व को जन-जन तक पहुंचाना था।
मंत्री नंदी का संदेश
चंडीगढ़ राजभवन में उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर महाकुंभ में आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस बार महाकुंभ को भव्य बनाने का प्रयास किया गया है। यह आयोजन भारत की समृद्ध परंपरा का प्रतीक है।”
क्या है खास इस महाकुंभ में?
प्रयागराज में संगम तट पर 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले इस महाकुंभ का आयोजन 12 साल बाद शुभ मुहूर्त में किया जा रहा है। ऐसे में इस बार महाकुंभ को लेकर श्रद्धालुओं में खास उत्साह है। हरियाणा सरकार की यह पहल न केवल राज्य के श्रद्धालुओं के लिए विशेष अवसर है, बल्कि राज्य और देश की सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक बन रही है।