Haryana सरकार में हाल ही में दो विभागों के अधिकारियों के बीच टकराव(Conflict between two department) हो गया है। उद्योग विभाग(Industries Department) के IAS अधिकारी ने एक मीटिंग बुलाई(IAS officer called a meeting) थी, जिससे श्रम विभाग(Labour Department) के अधिकारी नाराज हो गए। उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई और इस मीटिंग को रद्द करने की मांग(Demand to cancel the meeting) की। यह मीटिंग इंडस्ट्री और कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम करने वाले वर्करों की सुरक्षा के मुद्दे पर बुलाई गई थी।
बता दें कि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक सीजी रजनी कांतन ने इंडस्ट्री और कंस्ट्रक्शन साइट्स पर वर्करों की सुरक्षा को लेकर एक विशेष जागरूकता अभियान चलाने के लिए मीटिंग बुलाई थी। इस मीटिंग में विभिन्न विभागों और इंडस्ट्रियल एसोसिएशंस के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था। श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने इस पर आपत्ति जताई। उनका कहना था कि कंस्ट्रक्शन साइट्स उद्योग विभाग के अधीन नहीं आती हैं, इसलिए इस मीटिंग को श्रम विभाग से चर्चा किए बिना आयोजित नहीं किया जाना चाहिए था।

25 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई इस मीटिंग में 8 विभागों के अधिकारी और 8 जिलों के डिप्टी कमिश्नर (DC) भी शामिल हुए। इसमें जिला राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, फायर एंड इमरजेंसी सेवाएं विभाग, चीफ इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टोरेट, एचएसआईआईडीसी, बॉक्लर इंस्पेक्टोरेट, श्रम विभाग, पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन (PESO) और इंडस्ट्रियल एसोसिएशंस के प्रतिनिधि भी शामिल थे।

विवाद की शुरुआत
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक सीजी रजनी कांतन ने 22 जुलाई 2024 को एक पत्र जारी किया था, जिसमें उन्होंने हरियाणा राज्य में इंडस्ट्रियल और कंस्ट्रक्शन स्थलों पर हो रही दुर्घटनाओं के बारे में चिंता व्यक्त की थी। इस पत्र में उन्होंने एक विशेष जागरूकता अभियान चलाने का प्रस्ताव रखा था। इस मीटिंग का उद्देश्य वर्करों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने इस मीटिंग पर कड़ी आपत्ति जताई और उद्योग विभाग के महानिदेशक को एक पत्र लिखा। उन्होंने लिखा कि इस मीटिंग का आयोजन श्रम विभाग से चर्चा किए बिना किया गया है, जो कि अनुचित है।

मीटिंग का निष्कर्ष
उन्होंने इस पत्र को संशोधित करने या इसे श्रम विभाग से चर्चा होने तक होल्ड करने की मांग की। जब तक श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण का पत्र उद्योग विभाग को मिला, तब तक मीटिंग समाप्त हो चुकी थी। मीटिंग में बुलाए गए अधिकारी भी शामिल हुए थे। अब सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों के बीच इस टकराव को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। सूत्रों के अनुसार सरकार भी मामले में सक्रिय हो गई है। हालांकि मामला टॉप ब्यूरोक्रेसी से जुड़ा होने के कारण सार्वजनिक तौर पर कुछ भी कहने से बचा जा रहा है।