- अमृतसर के मजीठा क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की मौत हो गई और 10 की हालत गंभीर है
- मुख्य आरोपी साहिब सिंह सहित अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है; शराब मेथनॉल से बनाई गई थी
- मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख की आर्थिक मदद और एक सदस्य को नौकरी देने का ऐलान किया है
पंजाब के अमृतसर जिले के मजीठा हलके में थरियेवाल गांव केंद्र बनकर उभरा, जहां से जहरीली शराब की आपूर्ति की गई। इस जहरीली शराब ने अब तक 21 लोगों की जान ले ली है, जबकि 10 लोग अस्पतालों में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। इन मौतों में मराड़ी कलां, पातालपुरी, थरियेवाल, भंगाली कलां, तलवंडी खुम्मन, करनाला और भंगवां गांवों के लोग शामिल हैं, लेकिन थरियेवाल गांव इसका मुख्य स्रोत साबित हुआ।
थरियेवाल गांव में रहने वाले तारू सिंह और उसकी पत्नी निंदर कौर लंबे समय से शराब बेच रहे थे। तारू खुद कैंसर से जूझ रहा था, लेकिन उसने भी इसी जहरीली शराब का सेवन किया जिससे उसकी भी मौत हो गई। 75 वर्षीय निंदर कौर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, साथ ही साहिब सिंह और गुरजंट सिंह को भी पकड़ा गया है।
शराब पीने से जोगिंदर सिंह, करनैल सिंह, मेहर सिंह, सरबजीत, परमजीत सिंह जैसे कई दिहाड़ी मजदूरों की जान गई। गांव वालों के अनुसार, शराब 15-20 रुपए में बेची जाती थी और इसमें मेथनॉल मिलाया जाता था। दिहाड़ीदार लोग सस्ती शराब की ओर आकर्षित हुए, जो जानलेवा साबित हुई।
इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड साहिब सिंह था, जिसने लुधियाना के ‘साहिल केमिकल्स’ से मेथनॉल मंगवाया। वह इसे लोकल बसों की मदद से वितरकों तक पहुंचाता था। आगे प्रभजीत सिंह और उसके भाई कुलबीर सिंह ने इसे और डायल्यूट कर गांवों तक सप्लाई की। अंतिम विक्रेता निंदर कौर, अरुण उर्फ काला और सिकंदर सिंह उर्फ पप्पू थे।
अब तक 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस आरोपियों के मोबाइल की जांच कर रही है ताकि पूरे नेटवर्क की परतें खुल सकें। SSP मनिंदर सिंह ने बताया कि दिल्ली तक इसके तार जुड़े हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह एक दुखद और शर्मनाक घटना है। दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी। सरकार की ओर से प्रत्येक मृतक के परिवार को ₹10 लाख मुआवज़ा और एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की गई है।