- मुजफ्फरपुर में राकेश टिकैत से बदसलूकी के खिलाफ भाकियू की महापंचायत आज मुजफ्फरनगर में बुलाई गई
- करनाल से सुरेंद्र सिंह घुम्मन की अगुवाई में किसान जत्था रवाना, भाकियू नेताओं ने जताया आक्रोश
- भविष्य की रणनीति आज की महापंचायत में तय होगी, ‘पगड़ी पर हाथ’ को किसान नेताओं ने बताया असहनीय
Farmers-protest; मुजफ्फरपुर में किसान नेता राकेश टिकैत के साथ हुई बदसलूकी को लेकर पूरे किसान समुदाय में आक्रोश है। इसे लेकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने शनिवार को मुजफ्फरनगर के सीजीआई ग्राउंड में एक बड़ी किसान महापंचायत बुलाई है। इस महापंचायत में भाग लेने के लिए हरियाणा के किसानों ने करनाल के यमुनापुल से कूच किया, जिसकी अगुवाई भाकियू करनाल इकाई के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह घुम्मन ने की। प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने किसानों को रवाना करते हुए कहा कि जो हरकत राकेश टिकैत के साथ की गई, वह माफ करने योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन एक विचारधारा है और टिकैत सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरे किसान वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं।
रतन मान ने यह भी कहा कि पगड़ी पर हाथ डालना किसान का अपमान है, जिसे देश के किसान कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो फैसला महापंचायत में होगा, उसे पूरा देश मानेगा और आगे की रणनीति उसी के आधार पर बनेगी। इस काफिले में उत्तरी हरियाणा प्रभारी मेहताब कादियान, प्रवक्ता सुरेंद्र सागवान, करनाल खंड प्रधान गुरविंदर काली, किसान भवन सचिव राजकुमार नोतना समेत बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए।
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कुछ नेताओं ने कहा कि यह हमला सिर्फ व्यक्ति विशेष पर नहीं, बल्कि किसान सम्मान और अस्मिता पर हमला है। लोगों ने शांति और अनुशासन के साथ एकजुट रहने की अपील की, लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि किसान अपने अपमान को भूलेगा नहीं। इस दौरान यह भी दोहराया गया कि जो निर्णय महापंचायत में होगा, वही अंतिम होगा और उसे सभी कार्यकर्ता स्वीकार करेंगे।
भाकियू पदाधिकारियों ने कहा कि किसान पहले है, पार्टी, मजहब और विचारधारा बाद में। अगर सरकार किसानों की आवाज़ नहीं सुनेगी तो यह अपमान आंदोलन का कारण बन सकता है। महापंचायत में यह भी तय होगा कि भविष्य में किसान आंदोलन किस दिशा में बढ़ेगा।