Kurukshetra केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुरुक्षेत्र में आयोजित गीता महोत्सव के मंच से ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की पुरजोर वकालत की। उन्होंने बार-बार चुनाव होने को भारत की प्रगति और विकास में बाधा बताया। मंत्री ने कहा कि लगातार होने वाले चुनाव न केवल नेताओं और अधिकारियों का समय बर्बाद करते हैं, बल्कि देश की आर्थिक और प्रशासनिक क्षमता पर भी भारी पड़ते हैं।
भारत की प्रगति में बाधा हमेशा होने वाले चुनाव
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश मोदी जी के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा है। वैभवशाली, गौरवशाली, संपन्न, समृद्ध और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। भारत विश्वगुरु बनेगा, इसमें कोई संदेह नहीं है। लेकिन भारत की प्रगति और विकास में एक बाधा है और वो है हमेशा होने वाले चुनाव। भारत में कोई चीज हो ना हो लेकिन पांचों साल 12 महीने चुनाव की तैयारी सदैव चलती रहती है। लोकसभा चुनाव से निपटे तो विधानसभा चुनाव आ गए। हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, झारखंड से निपटे तो अब दिल्ली के लिए हम ताल ठोक रहे हैं।
चुनाव के कारण विकास के काम हो रहे ठप
कृषि मंत्री ने कहा कि पांचों साल सारे राजनीतिक दल केवल चुनाव की तैयारियां करते रहते हैं और उसमें जन-कल्याणकारी काम और विकास के काम पीछे रह जाते हैं। चुनाव जीतने की चिंता में सारे दलों के नेता लगे रहते हैं। मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों सांसदों, विधायकों को चुनाव की तैयारियों में लगे रहना पड़ता है। उसमें समय नष्ट होता है। नई-नई घोषणाएं करनी पड़ती हैं, कि मैं ये दे दूंगा, हम ये दे देंगे, इसमें विकास के काम ठप हो जाते हैं।
बार-बार चुनाव से केवल विनाश ही विनाश
कृषि मंत्री ने कहा कि बार-बार चुनाव से भारी खर्चा होता है। चुनाव आयोग खर्चा करता है, राजनीतिक दल खर्चा करते हैं। ये जनता का पैसा ही तो है। इसमें केवल विनाश ही विनाश है। हमारे विकास को चुनाव अवरोध करता है। इसिलए संविधान में संशोधन करके, पांच साल में एक बार सभी विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव एक बार होने चाहिए। इसके लिए हमको जनजागरण करना चाहिए। ऐसा जनजागरण अभियान चले कि सभी राजनीतिक दल एक साथ चुनाव के लिए मजबूर हो जाएं। इसके लिए सभी को संकल्प भी दिलाया गया।







