Haryana में मौसम ने करवट ले ली है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होते ही राज्य में तेज हवाओं और बारिश का दौर शुरू हो गया है। गुरुवार सुबह से ही पानीपत, जींद, झज्जर और सोनीपत में बूंदाबांदी जारी है, जबकि कैथल और महेंद्रगढ़ में बादल घिरे हुए हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ घंटों में कई और जिलों में बारिश, तेज आंधी और ओलावृष्टि हो सकती है।
कौन-कौन से जिले खतरे में?
मौसम विभाग ने पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, रोहतक, भिवानी और चरखी दादरी में हल्की से मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया है। साथ ही, कुछ जिलों में ओलावृष्टि और तेज आंधी का खतरा भी बना हुआ है।

हिमाचल में भीषण बर्फबारी, संपर्क कटा, खतरा बढ़ा
उधर, हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में बीते दो दिनों से भारी बर्फबारी हो रही है। कई इलाकों में 3 फीट से ज्यादा बर्फ जमा हो चुकी है, जिससे जिले का संपर्क पूरी तरह कट गया है। अटल टनल रोहतांग भी बंद कर दी गई है। यहां आज और कल भारी हिमपात का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने एवलांच (हिमस्खलन) की चेतावनी दी है और पर्यटकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
पंजाब में भी अलर्ट – ओले गिरने की संभावना!
पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, नवांशहर, रूपनगर, एसएएस नगर और फतेहगढ़ साहिब में मध्यम बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट है। वहीं, तरनतारन, फिरोजपुर, फरीदकोट, मोगा, लुधियाना, बरनाला, संगरूर, पटियाला और मानसा में येलो अलर्ट जारी किया गया है।

तेज हवाओं से फसलें होंगी बर्बाद?
हरियाणा में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि इस समय गेहूं की फसल पक चुकी है, ऐसे में तेज हवाएं और ओले गिरने से किसानों को भारी नुकसान हो सकता है। बारिश के कारण खेतों में पानी भर सकता है, जिससे फसलें गिर जाएंगी और पैदावार प्रभावित होगी।
कब तक रहेगा यह मौसम का कहर?
मौसम विभाग ने कहा है कि 1 मार्च तक बारिश जारी रह सकती है और इसके बाद तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। 2 मार्च तक ठंड दोबारा बढ़ सकती है, क्योंकि पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में भी पड़ेगा।