राज्यसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही हरियाणा की एक राज्यसभा सीट के लिए 27 फरवरी को होने वाले मतदान को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से इन चुनावों को लेकर कमर कस ली गई है। बताया जा रहा है कि भाजपा ने इस सीट के लिए प्रत्याशी का चयन कर लिया है। दिल्ली में तीन दिन ठहराव के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को एनओसी मिल चुकी है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी हरी झंडी मिल चुकी है।
माना जा रहा है कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व की ओर से आज राज्यसभा प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि हरियाणा में राज्यसभा सीट के लिए भाजपा में तीन बड़े चेहरों चर्चा चल रही है। इनमें सबसे पहला नाम भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का बताया जा रहा है। दूसरा नाम पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला और तीसरा राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़ का नाम सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का राज्यसभा सांसद के तौर पर कार्यकाल 2 अप्रैल को खत्म हो रहा है। जेपी नड्डा पहले हिमाचल प्रदेश से चुने गए थे। ऐसे में उनके हिमाचल से दोबारा चुने जाने की संभावना कम है।
कयास लगाया जा रहा है कि भाजपा उन्हें इस बार हरियाणा से मौका दे सकती है। वहीं यह भी माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व जेपी नड्डा की हिमाचल प्रदेश में सक्रियता को देखते हुए उन्हें लोकसभा की तैयारी के लिए कह सकता है। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपनी नजदीकी पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को यह मौका दिलवा सकते हैं। सुभाष बराला विद्यार्थी समय से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय हो गए थे। वर्ष 2000 में वह भारतीय जनता युवा मोर्चा फतेहाबाद के जिला सचिव बने। वर्ष 2002 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेशाध्यक्ष चुना गया। वर्ष 2005 में पहली बार टोहाना से चुनाव लड़ा, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद वर्ष 2009 में दूसरी बार टोहाना सीट से चुनाव हार गए। वर्ष 2012 में उन्हें भाजपा प्रदेश महामंत्री नियुक्त किया गया। फिर वर्ष 2014 में पहली बार टोहाना से विधायक चुने गए।
इसके बाद 24 नवंबर 2014 को शीर्ष नेतृत्व ने बराला को पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया। बराला इस पद पर जुलाई 2020 तक रहे। इस बीच अक्तूबर 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें टोहाना सीट से जननायक जनता पार्टी के देवेंद्र बबली ने पराजित किया। वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री ने उन्हें हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो का चेयरमैन नियुक्त किया। 23 नवंबर 2023 को उन्हें हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने विश्वासपात्र बराला को राज्यसभा भेजने के लिए विशेष प्रयास कर सकते हैं।
वहीं कयास है कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा राष्ट्रीय सचिव ओपी धनखड़ को राज्यसभा भिजवा सकते हैं। जिसको लेकर भाजपा आज तीनों में एक नाम पर मोहर लगाकर घोषणा कर सकती है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ का राजनीति में 46 वर्ष का अनुभव है। 20 जुलाई 2020 को उन्हें भारतीय जनता पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह इस पद पर करीब सवा तीन वर्ष तक रहे। संगठन में धनखड़ का लंबा अनुभव है। वह भाजपा किसान प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक रह चुके हैं। वर्ष 2014 में मनोहर लाल खट्टर सरकार के पहले कार्यकाल में धनखड़ बादली विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने थे। इसके बाद उन्हें कृषि, मत्स्य, नहरी मंत्री बनाया गया था। उनके राजनीतिक कॅरियर की बात करें तो वह वर्ष 1978 में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़ गए थे। इसके बाद विद्यार्थी जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में काम किया। उन्होंने धीरे-धीरे संगठन में अपनी जगह बनाई। भाजपा की राष्ट्रीय व क्षेत्रीय इकाइयों में कई पदों पर रहे। वर्तमान में वह पार्टी के राष्ट्रीय सचिव हैं। प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए उन्होंने पार्टी के संगठन को मजबूत किया तो पन्ना प्रमुखों की संख्या के वांछित लक्ष्य को भी पूरा किया।
चुनाव शैड्यूल के अनुसार 15 फरवरी तक नामांकल पत्र दाखिल किए जा सकेंगे। फिर 16 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 20 फरवरी तक प्रत्याशी अपना नामांकन वापस ले सकेंगे और 27 फरवरी को मतदान होगा। राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों की ओर से किया जाता है। राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष तक रहता है। भाजपा से राज्यसभा के सदस्य डीपी वत्स का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है। उनका कार्यकाल खत्म होने पर रिक्त हो रही एक सीट के लिए ही हरियाणा में चुनाव होना है।
गौरतलब है कि देश के 15 राज्यों की 56 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है। इन सभी सीटों पर 27 फरवरी को मतदान होगा। 13 राज्यों के 50 राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त हो रहा है, जबकि 2 राज्यों के शेष 6 सदस्य 3 अप्रैल को रिटायर्ड हो जाएंगे। जिन 15 राज्यों में राज्यसभा चुनाव होने हैं। इनमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश के साथ महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा शामिल हैं।