हरियाणा BJP में संगठनात्मक चुनावों की प्रक्रिया में अप्रत्याशित बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। पार्टी ने 31 जनवरी तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों ने राजनीतिक पटल को हिला कर रख दिया है।
बैठक टली, चुनाव प्रक्रिया पर संशय
मंडल अध्यक्षों के चुनाव लगभग पूरे हो चुके हैं। हालांकि, 19 जनवरी को गुरुग्राम में प्रस्तावित बैठक अचानक रद्द कर दी गई है। अब यह बैठक 20 या 21 जनवरी को हो सकती है, जिसमें चुनाव प्रक्रिया पर विचार-विमर्श होगा। इस देरी से जिलाध्यक्षों और प्रदेश अध्यक्ष के चुनावों में भी विलंब की संभावना है।
बड़ौली की कुर्सी पर संकट, नए दावेदार सक्रिय
पिछले साल जुलाई में हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष बने बड़ौली को ब्राह्मण वर्ग का मजबूत चेहरा माना जाता है। लेकिन हिमाचल प्रदेश के कसौली थाने में दर्ज दुष्कर्म की शिकायत ने उनकी राजनीतिक स्थिति को कमजोर कर दिया है। पार्टी के अन्य दावेदारों ने इस मौके का लाभ उठाते हुए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं।
सदस्यता अभियान के आंकड़े और आगामी रणनीति
भाजपा के 43 लाख सदस्य बन चुके हैं, जबकि 39 हजार सक्रिय सदस्य हैं। इस बार सक्रिय सदस्यों को प्राथमिकता देने की योजना है। पार्टी की नई कार्यकारिणी प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव के बाद घोषित होगी।
वहीं, आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा की संगठनात्मक मजबूती को अहम माना जा रहा है, क्योंकि 34 निकायों में होने वाले चुनाव पार्टी की शहरी पकड़ को और मजबूत करेंगे।
सीएम सैनी का मंथन और विकास योजनाओं की समीक्षा
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक कर संगठन और विकास योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने आगामी बजट को लेकर विधायकों की राय ली और विकास कार्यों की प्राथमिकताएं तय कीं।
क्या बड़ौली को मिलेगा दूसरा मौका?
प्रदेशाध्यक्ष के चुनावों के साथ पार्टी के नए नेतृत्व की तस्वीर साफ होगी। लेकिन बड़ौली के खिलाफ उठे सवालों के बीच यह देखना रोचक होगा कि भाजपा नेतृत्व उनके समर्थन में खड़ा रहता है या संगठन के भीतर से नए चेहरे को मौका दिया जाएगा।