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कर्म का बोध कराता है भागवत सत्संग: पं. राधे-राधे महाराज ने कर्म और धर्म के महत्व पर प्रकाश डाला, श्री अवध धाम मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में उत्साही भक्तों ने भाग लिया

हरियाणा

पानीपत: श्री अवध धाम मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के द्वितीय दिवस पर भागवत रशिक पं. राधे-राधे महाराज ने सत्संग के माध्यम से कर्म और धर्म के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि कर्म का बोध केवल सत्संग से ही संभव है, और बिना कर्म के मनुष्य का जीवन व्यर्थ हो सकता है। कर्म ही धर्म की पहली सीढ़ी है, और यही मनुष्य के जीवन को सही दिशा में आगे बढ़ाता है।

पं. राधे-राधे महाराज ने गीता का उदाहरण देते हुए बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को कर्म के महत्व को समझाया था। उन्होंने कहा कि मानव धर्म को समझने और उसे अपनाने के लिए कर्म को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि साधना और भक्ति भी कर्म के ही रूप होते हैं। धर्म क्षेत्र में कर्म करना ही सही साधना का आधार है।

विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण ने इस अवसर पर विशेष रूप से भाग लिया और पं. राधे-राधे महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने भागवत महापुराण को जीवन की महत्वपूर्ण धारा बताया और कहा कि इसमें जीवन के सभी पहलुओं का ज्ञान छिपा हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी व्यक्तियों, चाहे वे नेता हों, अभिनेता हों, साधु या गृहस्थ, सभी किसी न किसी रूप में कर्म के बोध से बंधे होते हैं।

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इस कार्यक्रम में दाऊजी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने सम्मानित होने के साथ-साथ यज्ञ में भाग लिया। इस अवसर पर डॉ. रमेश चुग, उत्सव संयोजक सुरेश काबरा, अशोक नारंग, प्रमोद आहूजा, यश हुडिया, और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।

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