Bhiwani में लोहारू के गांव फरटियाँ में एक दलित छात्रा द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में आज ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट देवेन्द्र कुमार की अदालत ने मामले के जांच अधिकारी को नोटिस जारी किया और केस की स्टेटस रिपोर्ट 16 जनवरी तक पेश करने का आदेश दिया है।
इससे पहले पीड़ित पिता के वकील रजत कल्सन ने अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि पुलिस इस हाई प्रोफाइल मामले में राजनीतिक और सामाजिक दबाव का शिकार हो रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस मामले में मुख्य आरोपी स्थानीय विधायक हैं और पुलिस उनके दबाव में जांच नहीं कर रही है, जिसके कारण पीड़ित पक्ष को केस की वास्तविक स्थिति का कोई पता नहीं चल पा रहा है।

अधिवक्ता रजत कल्सन ने सुप्रीम कोर्ट के साकिरी बसु बनाम उत्तर प्रदेश मामले में जारी गाइडलाइन का हवाला देते हुए अदालत से मांग की थी कि जांच अधिकारी को नोटिस जारी किया जाए, ताकि मामले की प्रगति का पता चल सके। उन्होंने यह भी कहा कि मजिस्ट्रेट को इस मामले की जांच की निगरानी करने का अधिकार है और वह जांच अधिकारी को ईमानदारी से काम करने का आदेश भी दे सकते हैं।
आज की सुनवाई में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट देवेंद्र कुमार ने पीड़ित पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए स्थानीय पुलिस को नोटिस जारी किया और 16 जनवरी को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
गौरतलब है कि गांव फरटियाँ के जगदीश ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी दीक्षा सिंघानी, जो शारदा कॉलेज में बीए तृतीय वर्ष की छात्रा थी, की आर्थिक स्थिति खराब थी और इस कारण वह अपनी बेटी की फीस समय पर जमा नहीं कर सका। इसके चलते दीक्षा को 5th सेमेस्टर का पेपर नहीं दिया गया, जिससे वह तनाव में आ गई। शिकायत के अनुसार, कॉलेज के प्रबंधक हनुमान के बेटे राहुल ने दीक्षा पर गलत काम करने का दबाव बनाना शुरू किया और 24 दिसंबर को कई बार फोन करके उसे परेशान किया। परेशान होकर दीक्षा ने आत्महत्या कर ली।
अधिवक्ता रजत कल्सन ने कहा कि पुलिस अब 16 जनवरी को स्टेटस रिपोर्ट पेश करेगी, जिससे मामले की प्रगति का पता चलेगा। यदि पीड़ित पक्ष इससे संतुष्ट नहीं होता, तो वे हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे और हाईकोर्ट की निगरानी में एसआईटी का गठन करने की मांग करेंगे, ताकि पीड़ित पक्ष को न्याय मिल सके।
इस मामले में अब तक पुलिस ने राहुल और हनुमान को गिरफ्तार किया है। 16 जनवरी को पुलिस द्वारा पेश की जाने वाली स्टेटस रिपोर्ट के बाद मामले की आगे की जांच और प्रगति का खुलासा होगा।