हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल सऊदी अरब के रियाद में आयोजित COP-16 (यूएनसीसीडी) सम्मेलन में भाग लेने रवाना हो चुका है। यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2 से 13 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें दुनिया भर के देशों के बीच जलवायु परिवर्तन और मरुस्थलीकरण रोकने के लिए रणनीतियों पर चर्चा होगी।
सम्मेलन की खासियत
सऊदी अरब के रियाद में आयोजित इस कार्यक्रम में भूमि बहाली और सूखे से निपटने के लिए स्थायी समाधान खोजने पर जोर दिया जाएगा। हरियाणा का प्रतिनिधिमंडल, जिसमें पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और जैव विविधता बोर्ड के प्रमुख सदस्य शामिल हैं, इस मंच पर हरियाणा द्वारा जलवायु संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों को साझा करेगा।
कैबिनेट मंत्री का बयान
राव नरबीर सिंह ने सम्मेलन से पहले कहा, “जलवायु परिवर्तन की चुनौती इतनी बड़ी है कि इसे किसी एक देश के प्रयास से हल नहीं किया जा सकता। सभी देशों को मिलकर एकजुटता के साथ काम करना होगा।” उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण और जल संसाधन प्रबंधन में किए गए ऐतिहासिक कार्यों को रेखांकित किया।
भारत की प्रतिबद्धता
मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ राष्ट्रीय सौर मिशन और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
क्या बदलेगी हरियाणा की छवि?
यह देखना दिलचस्प होगा कि हरियाणा का यह कदम वैश्विक मंच पर पर्यावरणीय नेतृत्व को कितना प्रभावित करता है। क्या यह सम्मेलन हरियाणा की जलवायु नीति में नए आयाम जोड़ेगा, या फिर यह महज एक औपचारिक भागीदारी साबित होगी? यह रहस्य सम्मेलन के दौरान ही उजागर होगा।