(सिटी तहलका से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) कल्पामृत समूह हरिद्वार ने देश में मधुमेह बीमारी से निजात दिलाने के लिए एक अभियान चलाया हुआ है। जिसके माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता है। इस अभियान में काव्या तिवारी मधुमेह मुक्त जीवन जीने में लोगों की मदद कर रही हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा जन सहयोग कर लोगों की मदद की जा सके।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान काव्या तिवारी ने बताया कि किसी व्यक्ति के स्वस्थ होने का मतलब उसे कोई बीमारी न होना नहीं है, बल्कि उसके शरीर और दिमाग का अच्छी तरह से काम करना होता है। अच्छा स्वास्थ्य तभी होता है, जब शरीर की प्रत्येक कोशिका और अंग पूर्ण दक्षता एवं शेष शरीर के साथ सामंजस्य बैठाकर काम करती हैं।
काव्या तिवारी ने मधुमेह के लक्षणों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्यास ज्यादा लगना, बार-बार पेशाब आना, आंखों की रोशनी कम होना, कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना, हाथों पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म या बार-बार फोड़े फुंसी निकलना, चक्कर आना या चिड़चिड़ापन होना, यह मधुमेह के लक्ष्ण हो सकते हैं I
जीवनशैली में करना होगा बदलाव
काव्या तिवारी ने बताया कि अपने ग्लूकोज स्तर को जांचते रहना चाहिए। भोजन से पहले यह 120 और भोजन के बाद 150 से ज्यादा है तो सतर्क जरूरी है। उन्होंने कहा कि अपनी जीवनशैली में बदलाव अवश्य करें और शारीरिक श्रम करना शुरू करें। मधुमेह रोगी को दिन में तीन से चार किलोमीटर तक पैदल चलना चाहिए। फिर योग और प्राणायाम करके मधुमेह पर काबू पाया जा सकता है। कम कैलोरी वाला भोजन खाना चाहिए। भोजन में मीठे व गुड़ का त्याग कर दें। उन्होंने कहा कि सब्जियां, ताजे फल, साबुत अनाज,फ्लेक्स सीड्स, अलसी, डेयरी उत्पादों और ओमेगा-3 वसा के श्रोतों को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। इसके अलावा फाइबर का भी सेवन करना चाहिए।
भोजन में क्या शामिल करना चाहिए और क्या नहीं
काव्या तिवारी ने बताया कि मधुमेह रोगियों को अपने भोजन में करेला, मेथी, सहजन, पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, कोली, टमाटर, बंद गोभी और पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए। फलों में जामुन, नींबू, आंवला, टमाटर, पपीता, खरबूजा, कच्चा अमरूद, संतरा, मौसमी, जायफल, नाशपाती का सेवन किया जा सकता है। आम, केला, चीकू, खजूर और अंगूर मधुमेह के रोगी को नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इनमें शुगर ज्यादा होता है। खाने में बादाम, लहसुन, प्याज, अंकुरित दालें, अंकुरित छिलके वाला चना, सत्तू और बाजरा आदि शामिल करें। साथ ही हो सके तो आलू, चावल और मक्खन का बहुत कम उपयोग करें।