Haryana में लोकसभा आम चुनाव (2024) के लिए मतगणना कल सुबह 8 बजे शुरू होगी। राज्य के सभी 10 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों और करनाल विधानसभा उपचुनाव के लिए कुल 90 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। भारत निर्वाचन आयोग(ECI) ने इन सभी केंद्रों पर ऑब्जर्वर नियुक्त किए हैं जो काउंटिंग की प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।
पोस्टल बैलेट और इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ETPBS) की गिनती के लिए रिटर्निंग ऑफिसर (RO) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। हर 10 स्कैनर पर एक सहायक रिटर्निंग ऑफिसर(ARO) नियुक्त किया गया है। साथ ही, हर काउंटिंग टेबल पर अलग से एक असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर(ARO) भी तैनात होगा।
सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि काउंटिंग सेंटरों पर हाई क्वालिटी इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध हो। कम से कम 100 मेगा बाइट पर सेकेंड(MBPS) की 2 लीज लाइन की व्यवस्था होनी चाहिए। राज्य में 10 लोकसभा क्षेत्रों और करनाल विधानसभा उपचुनाव के लिए 44 स्थानों पर मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर पोस्टल बैलेट और ETPBS की गिनती के लिए 237 स्केनिंग टेबल लगाई जाएंगी, जिनमें से हर एक टेबल पर 500 पोस्टल बैलेट की गणना की जाएगी।
मतगणना दल की नियुक्ति
मतगणना के लिए एक सहायक रिटर्निंग अधिकारी, एक काउंटिंग सुपरवाइजर, दो काउंटिंग सहायक, और एक माइक्रो ऑब्जर्वर की ड्यूटी लगाई गई है। हरियाणा में कुल 1,11,058 सर्विस मतदाता हैं। इसमें मतगणना ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी और अन्य गैरहाजिर मतदाता शामिल हैं। इनके लिए अलग से नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
मतगणना केंद्रों पर नियंत्रण और सुरक्षा
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) अनुराग अग्रवाल ने निर्देश दिए हैं कि पोस्टल बैलेट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और इसकी सुरक्षा का ध्यान रखा जाना चाहिए। सभी मतगणना केंद्रों पर ARO का पूरा नियंत्रण होगा और उनकी अनुमति के बिना कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति केंद्र में प्रवेश नहीं कर सकेगा। ईवीएम और पोस्टल बैलेट की गिनती के दौरान कोई भी फोटो नहीं खींच सकता। जब ईवीएम को स्ट्रॉंग रूम से मतगणना हॉल में ले जाया जाता है तो उसकी वीडियोग्राफी करवाई जाएगी और स्ट्रॉंग रूम से हॉल तक पूरी तरह बैरिकेडिंग की जाएगी। उम्मीदवार और उनके चुनाव एजेंट इस प्रक्रिया को देख सकते हैं।
मतगणना प्रक्रिया की पारदर्शिता
मतगणना प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। ईवीएम और पोस्टल बैलेट की सुरक्षा के साथ-साथ मतगणना प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक काउंटिंग टेबल पर नियुक्त अधिकारी और ऑब्जर्वर सुनिश्चित करेंगे कि गिनती की प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो।