Haryana : राधा स्वामी डेरा ब्यास के प्रमुख(Dera Beas Chief) गुरिंद्र सिंह ढिल्लो(Gurinder Singh Dhillon) ने कहा कि परमात्मा और आत्मा हमारे अंदर विद्यमान है, लेकिन अहंकार रूपी दीवार हमें उन तक नहीं पहुंचने देती हैं। इस दीवार को हटाएंगे तो परमात्मा के दर्शन होंगे। जिसके लिए हमें प्रभु का सिमरन करना होगा। जिस प्रकार अंधेरे वाले कमरे में बत्ती जगाने से प्रकाश हो जाता हैं, उसी प्रकार मन की बत्ती को जगाने से परमात्मा की प्राप्ति होती हैं। जिसके लिए हमें स्वयं प्रयत्न करना होगा।
शनिवार को डेरा ब्यास प्रमुख गुरिंद्र सिंह(Gurinder Singh Dhillon) गन्नौर राधा स्वामी भवन(Gannaur Radha Swami Bhawan) पहुंचे। यहां गन्नौर के अलावा समालखा, पानीपत, सोनीपत के अलावा अन्य जगहों से आई संगत को दर्शन देते हुए निहाल किया। बाबा के आगमन की सूचना मिलते ही सुबह से ही सत्संग घर में अनुयायियों का एकत्र होना आरंभ हो गया। वहीं कई सेवादार यातायात व्यवस्था बनाने में जुट गए तो कोई पंडाल में व्यवस्था बनाने में लग गया। वहीं वाहन पार्किंग के लिए व्यवस्था की गई। सेवादारों की व्यवस्था से कहीं पर भी यातायात समस्या उत्पन्न नहीं हुई, बल्कि सेवादारों ने बहुत ही व्यवस्थित तरीके से यातायात बहाल रखा।

इस दौरान पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट रहा। डेरा ब्यास प्रमुख गुरिंद्र सिंह ढिल्लो(Gurinder Singh Dhillon) हेलीकॉप्टर से गन्नौर में पहुंचे। संगत आने से लेकर जाने तक उन्हें निहारते रहे। सबसे पहले डेरा ब्यास प्रमुख गुरिंद्र सिंह ढिल्लों ने ऋषि चैतन्य आश्रम में गुरूदेव आनंदमूर्ति गुरू मां से भेंट की। उसके बाद राधा स्वामी भवन में संगत को दर्शन दिए।

सेवा प्रभु को पाने के लिए वातावरण बनाना
बाबा गुरिंद्र सिंह ने कहा कि सत्संग का अर्थ सत्य का संग हैं। संत और महापुरूष मनुष्य को भक्ति के मार्ग पर चलना सिखाते हैं। सेवा प्रभु को पाने के लिए वातावरण बनाना है, जिससे मन में नम्रता आती है और भक्ति से जुड़ने में आसानी होती हैं। गुरू की महिमा के बारे में कहा कि गुरू ज्ञान देने वाला होता है और अंधकार से उजाले की ओर ले जाता हैं।