(समालखा से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) पानीपत के खंड समालखा के गांव पट्टीकल्याणा स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें स्कूल के अध्यापकों के अलावा गांव की महिलाओं ने भी भाग लिया। इस दौरान जीवन में महिलाओं की भूमिका और संत निरंकारी मिशन की सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर गांव की सेवा मुक्त सरपंच निशा ने कहा कि यह संत निरंकारी मिशन बहुत बड़ी देन है कि गांव में महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जहां नारियों का सम्मान होता है, वहीं सभी देवता विराजते हैं। आज महिलाएं आत्मनिर्भर बन गई हैं। हर क्षेत्र में वह मिसाल कायम कर रही हैं। दुनियाभर में महिलाएं महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। जिससे दुनिया बदल रही है।
इस दौरान मिशन की ओर से गन्नौर ब्रांच के मुखी रामनिवास ने निरंकारी मिशन की सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज की शिक्षाओं का वर्णन करते हुए कहा कि सतगुरु माता ने हमें मातृशक्ति की महत्ता को समझाया है। वह हमें महिलाओं का सत्कार करना सीखा रही हैं। हमारे ऋषि मुनियों ने भी हमें ये ही शिक्षाएं दी हैं कि जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास होता है। देश के भविष्य का निर्माण मातृ शक्ति के योगदान के बिना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में महिलाओं का एक अहम रोल होता है। चाहे वह भूमिका हमारी मां के रूप में हो, या बहन या फिर पत्नी के रूप में। हमें हर रूप में महिला का साथ मिलता है, लेकिन ऐसा काफी कम होता है, जब हम इन्हें इनके कार्य के लिए सम्मानित करते हैं।
उन्होंने कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस ऐसा अवसर देता है कि हम अपने जीवन की महिलाओं को उनके कार्यों और उनके रोल के लिए सम्मानित करते रहें। इस दौरान संत निरंकारी मिशन की ओर से सभी महिलाओं को फूलों के गमले देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर स्कूल के प्रिंसिपल ने मिशन से आए सभी अधिकारियों, सेवादारों और अन्य प्रतिभागियों का आभार जताया।