अंबाला जिले के बराड़ा ब्लॉक के गांव गंगनपुर में आरटीआई एक्टिविस्ट के फर्जी साइन और बयान दर्ज कर मामला रफा-दफा कराने पर महिला सरपंच, उसके पति व ग्राम सचिव कानून के शिकंजे में फंसने का मामला सामने आया है। जिसमें पुलिस ने धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
मामले को लेकर गांव गंगनपुर निवासी पूर्व पंच राजू ने बताया कि उसका एक केस राज्य सूचना आयोग में चल रहा है। उसने आरटीआई के तहत सरपंच से कुछ सूचनाएं मांगी थी। उसने अपने गांव की पंचायत का पूरा रिकॉर्ड मांगा था, लेकिन सरपंच ने कोई जवाब नहीं दिया। गांव की सरपंच काजल रानी, उसके पति सुशील कुमार व बीडीपीओ कार्यालय बराड़ा के ग्राम सचिव मनजीत सिंह ने मिलीभगत कर पूर्व पंच एवं आरटीआई एक्टिविस्ट के फर्जी साइन व बयान लिखकर 20 जुलाई 2020 को राज्य सूचना आयोग को भेज दिए। जिसका खुलासा अगली सुनवाई में हुआ। मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे।
पंचायत के लाखों-करोड़ों रूपए का किया हुआ गबन
पूर्व पंच ने आरोप लगाए कि उसके गांव में पंचायत ने लाखों-करोड़ों रुपए का गबन किया हुआ है। आरोपियों ने गांव में कोई विकास कार्य नहीं कराए। सरकार से जो ग्रांट मिली उनका गबन किया गया। उसने वर्ष 2017 में सरपंच काजल रानी व उसके पति सुशील कुमार के खिलाफ बीडीपीओ बराड़ा को गांव के जोहड़ की मिट्टी चोरी करने की दी थी। वर्ष 2019 में सरपंच व उसके पति ने गांव की पंचायती जमीन से लगभग 20 से 25 एकड़ में लगे सफेदे के पेड़ों को भी 51.51 लाख रुपए में बेच दिया था। इसके अलावा भी कई घोटाले किए हुए हैं।
फर्जी साइन व बयान दर्ज कर फाइल कर दी बंद
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाए कि इसमें ग्राम सचिव की भी मिलीभगत है, जिसको दबाने के लिए उसे सूचनाएं नहीं दी गई। राज्य सूचना आयोग द्वारा आई शिकायत 262-एमआईएससी भी मिलीभगत करते बंद कर दी गई, जबकि उस दौरान वह न तो सरपंच से मिला, न ग्राम सचिव से और न ही बीडीपीओ ऑफिस के क्लर्क राकेश कुमार से। आरोपियों ने मिलीभगत करके फर्जी साइन और बयान दर्ज करके बंद कर दी।
भविष्य में मेरे पर हुआ हमला, तो होंगे ये जिम्मेदार
पीड़ित ने आईपीएस अधिकारी से जांच कराने की मांग रखी है। उसने कहा कि अगर भविष्य में मेरे ऊपर कोई हमला व जान मारने की कोशिश होती है, तो उसके जिम्मेदार ये आरोपी होंगे। बराड़ा थाने में आरोपी सरपंच काजल देवी, उसके पति सुशील कुमार व ग्राम सचिव मनजीत सिंह के खिलाफ धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।