हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के मामले में षड़यंत्र रचने के आरोप में फिरोजपुर झिरका के कांग्रेस विधायक मामन खान को गिरफ्तार कर लिया है। हरियाणा पुलिस की विशेष टीम एसआईटी उन्हें राजस्थान से गिरफ्तार किया है। मामले में पुलिस विधायक से पूछताछ करेगी। आज विधायक मामन खान को नूंह जिला अदालत में पेश किया जाएगा। मामन खान की गिरफ्तारी की पुष्टि फिरोजपुर झिरका के डीएसपी सतीश कुमार ने की है।
इससे पहले कांग्रेस विधायक मामन खान ने गिरफ्तारी से बचने के लिए मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर वीरवार को सुनवाई हुई थी। याचिका में मामन खान ने कोर्ट से राज्य सरकार को एक उच्च स्तरीय एसआईटी गठित करने का निर्देश देने की मांग की थी। कांग्रेस विधायक मामन खान ने मांग की थी कि एसआईटी में पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी शामिल हो और नूंह हिंसा की घटनाओं से संबंधित मामलों को एसआईटी को स्थानांतरित किया जाए।
बता दें कि 31 जुलाई को नूंह में बृजमंडल यात्रा निकालने के दौरान हिंसा हुई थी। पुलिस ने नूंह हिंसा भड़काने के आरोप में देर रात मामन खान को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया है। नूंह हिंसा भड़काने के आरोप में कांग्रेस विधायक को नूंह की जिला अदालत में शुक्रवार को पेश किया जाएगा। हिंसा के लिए लोगों को भड़काने के आरोप की जांच कर रही एसआईटी ने पहले 25 अगस्त को नोटिस देकर 31 अगस्त को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था।
नूंह जिले में धारा 144 लागू, इंटरनेट बंद, घरों में नमाज पढ़ने के निर्देश
विधायक मामन खान की गिरफ्तारी के बाद नूंह में धारा 144 लागू कर दी गई है। गृह विभाग की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि नूंह में दो दिन शुक्रवार और शनिवार को इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। साथ ही इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया गया है। मुस्लिम समुदाय को जुमे की नमाज भी घर पर अता करने के निर्देष दिए गए हैं। इसके साथ विधायक के गांव भादस और आसपास के क्षेत्र को पुलिस ने पूरी तरह सील कर दिया है। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
विधायक मामन खान पर लगे यह आरोप
कांग्रेस विधायक मामन खान पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट कर हिंसा भड़काने का प्रयास किया। खान पर आरोप है कि वह हिंसा के दौरान दंगाईयों के संपर्क में थे। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने पहले 25 अगस्त को नोटिस देकर मामन खान को 31 अगस्त को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था। नोटिस के जवाब में विधायक ने मेडिकल भेज दिया कि वह बुखार से पीड़ित हैं। उसके बाद पुलिस की ओर से 5 सितंबर को दूसरा नोटिस दिया गया और 10 सितंबर को जांच में शामिल होने के लिए नूंह पुलिस लाइन बुलाया गया, लेकिन वह नहीं आए। नोटिस भेजने पर भी जांच शामिल न होने का भी आरोप मामन खान पर है।
हाईकोर्ट में दी याचिका में मामन खान ने लगाए थे आरोप
मामन खान ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका डाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार होने से बचने के लिए हिंसा मामले की निष्पक्ष जांच और सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की थी। उन्होंने याचिका में आरोप लगाते हुए कहा था कि मामले की जांच उच्च अधिकारियों की निगरानी वाली एसआईटी से कराई जाए। सरकार अपनी विफलता के लिए उन्हें मोहरा बना रही है।
हिंसा के दौरान उनके इलाके में नहीं होने का दिया था हवाला
हाईकोर्ट में याचिका देने के बाद वीरवार को सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं ने कहा था कि हिंसा के दौरान विधायक मामन खान इलाके में नहीं थे। इसके बाद अगली सुनवाई के लिए 19 अक्तूबर की तारीख तय की गई। हाईकोर्ट ने सरकार को और संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए मामन खान को निचली अदालत में याचिका डालने की सलाह देते हुए अगली तारीख दे दी। विधायक की ओर से कहा गया था कि वह घटना वाले दिन इलाके में नहीं थे, जबकि पुलिस उनके खिलाफ सारे सबूत जमा किए हुए थी।