दिल्ली की कोर्ट में आज भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर बालिग पहलवानों की शिकायतों पर हो रहे दर्ज केस की सुनवाई है। मामले में महिला पहलवानों ने दायर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। कोर्ट ने नए सिरे से सुनवाई करने का फैसला किया है, जिसके लिए दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल का स्थानांतरण हुआ है। इससे पहले मामले की सुनवाई करने वाले पूर्व न्यायाधीश ने पहले ही बहुत दलीलें सुनी थीं और इस पर आधारित करके नए सिरे से सुनवाई की जरूरत को सामने लाया।
बता दें कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहले से ही व्यापक दलीलें सुनी जा चुकी हैं, इसलिए कोर्ट ने खासकर आरोपों की विशेष रूप से जांच करने का निर्णय लिया है। स्थानांतरण के बाद जिस प्रकार से मामला स्पष्टीकरण के चरण में था, उसके पहले मामला को सुरक्षित रखने के लिए आदेश दिया गया था। पिछली बार दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने या न करने पर अपना पक्ष रखते हुए लिखित दलीलें दायर की थीं। इसमें एसीएमएम जसपाल ने दलीलों की कॉपी को आरोपियों और शिकायतकर्ताओं के वकीलों को सौंपी थी।
टूर्नामेंट के दौरान यौन शोषण का आरोप
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने विशेष तौर से मोर्चा खोला था। महिला पहलवानों ने मामले में कुछ बड़े आरोप लगाए हैं, जिनमें उन्हें सांस लेने के बहाने छेड़ने, रेस्तरां में छाती-पेट को छूने, टूर्नामेंट के दौरान भी यौन शोषण का आरोप शामिल है। बालिग पहलवानों के यौन शोषण की बताई जगहों पर आरोपी मौजूद थे और पुलिस ने इस मामले में एक हजार पन्नों की चार्जशीट पेश की है।
बयान को माना चार्जशीट का प्रमुख आधार
पुलिस ने पहलवानों के सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान को चार्जशीट का प्रमुख आधार माना है। बृजभूषण के खिलाफ आरोपी पहलवानों और उनके परिजनों ने न्याय की मांग के लिए जंतर-मंतर पर धरना दिया था और कई बार दिल्ली की सड़कों पर मार्च किया था। पुलिस ने कहा कि मामले में वहां के जगहों की सीसीटीवी फुटेज और फोटो देने को कहा गया है जहां महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे।