Panipat जिला परिषद के वार्ड-2 से पार्षद रणदीप कवि एक बार फिर अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। रविवार को गांव कवि में असामाजिक तत्वों और बढ़ती बदमाशी के खिलाफ बुलाई गई पंचायत में रणदीप ने खुद को ‘बदमाश’ बताते हुए कहा कि वे शरीफ नहीं हैं लेकिन महिलाओं के खिलाफ हिंसा नहीं करते। उन्होंने दावा किया कि अगर गांव उनका साथ दे, तो वे अकेले ही बदमाशों को घेर सकते हैं। पंचायत में मौजूद लोगों ने उनके बयान पर समर्थन भी जताया।
रणदीप इससे पहले भी खबरों में रहे हैं। दो दिन पूर्व उन पर एक ऑटो ड्राइवर को धमकाने और मिलने का दबाव बनाने का आरोप लगा था। ड्राइवर का कहना है कि पार्षद ने उसकी अनदेखी करने पर दो काली स्कॉर्पियो में संदिग्ध लोगों को उसके घर भेजकर दहशत फैलाई।
रविवार को हुई पंचायत में ग्रामवासियों ने गांव में बढ़ रहे असामाजिक तत्वों पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाने का फैसला लिया। सर्वसम्मति से तय किया गया कि अब किसी भी बाहरी बदमाश किस्म के व्यक्ति को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति ऐसे लोगों को गांव में बुलाएगा, तो उस पर भी कार्रवाई होगी। पंचायत में पूरे हरियाणा के अपराधियों को चेतावनी दी गई कि वे गांव कवि से दूर रहें, अन्यथा परिणाम भुगतने होंगे।
गांव के युवाओं को भी अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है। पंचायत में यह भी निर्णय हुआ कि यदि कोई बदमाश गांव में आता है तो युवा शक्ति उस पर सीधे एक्शन ले सकती है, क्योंकि पूरा गांव उनके साथ खड़ा है। ग्रामीणों ने इस दौरान प्रतीकात्मक विरोध करते हुए डंडे उठाकर बदमाशों को चेतावनी भी दी।
गांव में बीते एक माह में बदमाशों द्वारा हमला करने की तीन घटनाएं हो चुकी हैं। हाल की घटना में एक परिवार को 30-35 युवकों ने घर में घुसकर पीटा था। घटना 4 अप्रैल की रात हुई, जब घरेलू कहासुनी के बीच पड़ोसी युवक अजीत अपने पिता के साथ आया और गाली-गलौज के बाद मारपीट की। बाद में रात करीब 12 बजे अजीत अपने साथियों के साथ घर में घुसा और सोते हुए परिवार पर हमला कर दिया, जिसमें कई सदस्य घायल हो गए।
इन घटनाओं से आक्रोशित होकर गांववासियों ने अब संगठित होकर बदमाशी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और पंचायत के माध्यम से स्पष्ट संदेश दिया है कि अब असामाजिक तत्वों के लिए गांव में कोई जगह नहीं है।