रोहतक : हरियाणा सरकार द्वारा एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हरियाणा के हर एक मेडिकल कॉलेज के छात्रों के लिए एक सहशर्त बॉन्ड पॉलिसी लागू की गई थी। जिसको लेकर एमबीबीएस के छात्रों और सरकार के बीच काफी समय तक लंबा विवाद चला आ रहा था।
छात्रों का कहना था कि सरकार का द्वारा लाया गया बॉन्ड उनकी निजी स्वतंत्रता पर पाबंदी लगाता है, वही बॉन्ड की राशि को भी अधिकतम बताया गया था, लेकिन हरियाणा सरकार का कहना था की छात्र हरियाणा सरकार के कॉलेज में पढ़ाई करने के बाद सरकारी अस्पताल में सेवा ना करके निजी हॉस्पिटलों की तरफ रुख कर लेते हैं। जिससे सरकारी अस्पतालों में हमेशा डॉक्टरों की कमी रहती है।
7 साल की शर्त को 5 साल में कर दिया तब्दील
आखिरकार सरकार और छात्रों के बीच बॉन्ड को संशोधित कर दिया गया है और अब सरकार द्वारा सेवा की 7 साल की शर्त को 5 साल में तब्दील कर दिया गया है और बॉन्ड की राशि महिला छात्रों के लिए 25 लाख कर दी गई है। पुरुष छात्रों के लिए 30 लाख कर दी गई है। जिसमें बैंक से लोन का प्रावधान होगा, लेकिन अब राशि अग्रिम ना देकर पूरी राशि उन लोगों को देनी होगी जो लोग हरियाणा के सरकारी अस्पताल में सेवा नहीं करना चाहेंगे।
साइन करवाने के लिए लगी लंबी कतार
इस संशोधित बॉन्ड को लेकर सभी छात्र संतुष्ट हैं और आज रोहतक तहसील में छात्रों की बॉन्ड साइन करवाने के लिए लंबी कतार देखी गई। 2020 बेच के एमबीबीएस छात्र हार्दिक बंसल ने बताया कि संशोधित बॉन्ड से सभी छात्र संतुष्ट हैं और आज वह तहसील में अपना बॉन्ड साइन करवाने के लिए आए हैं।