हरियाणा के Sirsa जिले के रानियां विधानसभा क्षेत्र में गुरुवार को रिकाउंटिंग की प्रक्रिया के दौरान तगड़ा हंगामा हुआ। कांग्रेस प्रत्याशी सर्वमित्र कांबोज ने मतगणना केंद्र पर हो रहे मॉक पोल को लेकर आपत्ति जताई और पूरी प्रक्रिया को रोक दिया। उनका आरोप था कि यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस और चुनाव आयोग के नियमों के खिलाफ हो रही है।
क्या था मॉक पोल का विवाद?
सर्वमित्र कांबोज ने कहा कि मॉक पोल को चुनाव के दिन ही किया जाना चाहिए था और यहां यह प्रक्रिया अनावश्यक रूप से की जा रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि ईवीएम के असल डाटा का मिलान नहीं किया गया और पुराने डाटा को डिलीट करके नए सिरे से पोल करने की कोशिश की जा रही थी। कांबोज ने इसे पूरी तरह से पक्षपाती प्रक्रिया करार दिया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे को उठाया जाएगा।
कांग्रेस की मांग, चुनाव आयोग की कार्रवाई पर सवाल
सर्वमित्र कांबोज ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि चुनाव आयोग की तरफ से रिकाउंटिंग के दौरान उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कहा, “हमने नौ बूथों की ईवीएम और वीवीपैट के मिलान की मांग की थी, लेकिन यहां उलटा नजारा देखने को मिला।” कांबोज ने यह भी दावा किया कि इस पूरी प्रक्रिया में न्याय नहीं हो रहा है और यह पूरी प्रक्रिया उनकी उम्मीदों के विपरीत चल रही है।
क्या थी रिकाउंटिंग की वजह?
रानियां विधानसभा सीट पर हुए विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्कर देखने को मिली थी। इनेलो प्रत्याशी अर्जुन चौटाला ने कांग्रेस के सर्वमित्र कांबोज को मात्र 4191 वोटों के अंतर से हराया था। कांग्रेस प्रत्याशी ने इस नतीजे के खिलाफ रिकाउंटिंग की मांग की थी, जिसे जिला निर्वाचन अधिकारी ने स्वीकार किया था।