हरियाणा में सिरसा के गांव रंगा के पास घग्गर नदी पुल से उतरते समय धान से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली अनियंत्रित होकर पलट गई। इसके कारण किसान मुरारी लाल की नीचे दबने से मौत हो गई। राहगीरों को पता चला तो नीचे दबे किसान को बाहर निकाला, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उसके सिर पर गहरी चोट आई और गर्दन टूटने से मौके पर ही मौत हो गई।
बता दें कि मुरारी लाल की शादी हो चुकी थी। वह अपने पीछे बुजुर्ग मां, पत्नी और एक वर्ष और अढ़ाई वर्ष की दो बेटियों को छोड़ गया। मुरारी लाल जब 2 साल का था, तब उसके पिता रामचंद्र की मौत हो गई थी। उसका एक छोटा भाई है, जो कि संन्यासी है। तीन बहने हैं, जिसकी पहले शादी कर दी गई थी। लोग कह रहे थे कि काश मंडी में धान बिक जाता तो शायद यह घटना न होती।
उसके चचेरे भाई राजेंद्र ने बताया कि मुरारी लाल के पास ढाई एकड़ जमीन थी और 3 एकड़ उसने ठेके पर लिए हुए थे। शुक्रवार वे दोनों दो ट्रॉली पीआर धान को लेकर मुसाहिबवाला सेलर में पहुंचे। क्योंकि सिरसा मंडी उठान के कारण बंद थी और धान नहीं बिक रहा था।
लाइन लगी होने के कारण पहले 3:00 बजे उनसे कहा गया कि धान में नमी ज्यादा है। फिर दूसरी बार शाम को कहा कि 250 रुपए प्रति क्विंटल कम रेट पर धान खरीदा जाएगा। इस पर उन्होंने अपना धान बेचने से मना कर दिया। दिनभर धान न बिकने के कारण रात 9:00 बजे जब वह अपने घर लौट रहा था तो रंगा में घग्गर नदी के पुल के पास पहुंचा तो ढलान पर अचानक उसका ट्रैक्टर ट्राली असंतुलित होकर नीचे खेतों में पलट गया। इससे उसकी मौत हो गई। ट्राली से धान खेतों में बिखर गया।