सिरसा प्राणवायु देवता योजना के तहत वन विभाग ने जिले में 75 वर्ष से अधिक आयु के 364 पेड़ तलाश किए हैं। अब इन पेड़ों के मालिकों को पेंशन देने के लिए कमेटी की ओर से सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए आज से प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इसमें पेड़ के आसपास के खेत मालिक और मकान वासियों से पूछताछ की जाएगी और आपत्तियां मांगी जाएंगी। अगर कोई भी व्यक्ति उस पेड़ पर आपत्ति जाहिर नहीं करता तो पेड़ मालिक को सालाना 2500 रुपये पेंशन दी जाएगी।
सरकार ने पेड़ों की देख-रेख के लिए शुरु की पेंशन योजना
सरकार ने लोगों से पेड़ों की देखरेख करवाने के लिए पेंशन की योजना शुरू की है। पेड़ की देखरेख होने से वह लंबे समय तक जीवित रह सकता है। इसके लिए वन विभाग ने 75 वर्ष से अधिक आयु वाले पेड़ों की तलाश शुरू की थी। विभाग ने जिलेभर के कर्मचारियों से सर्वे करवा क्षेत्र के 75 वर्ष से अधिक आयु वाले पेड़ों का चयन करवाया गया है।
सर्वे में 364 पड़ों का चयन किया गया है। इनमें से 243 पेड पंचायतों, सरकारी कार्यालयों में 40, किसानों के खेत में 47 व 34 पेड़ अन्य स्थानों पर मिले हैं। अब वन विभाग की ओर से प्राणवायु देवता कमेटी का गठन भी किया जाएगा, जो पेड़ की स्थिति की जांच करेगी। सरकार की प्राणवायु देवता योजना में अब तक 75 वर्ष से अधिक आयु वाले बरगद, पीपल, नीम, जांडी, शीशम और जाल मिले हैं।
हर साल पेड़ मालिक को दी जाएगी 2500 रुपये पेंशन
सरकार ने बुढ़ापा पेंशन की तर्ज पर ही प्राणवायु देवता पेंशन की योजना है। शुरुआती समय में अभी 2500 रुपये प्रति वर्ष पेड़ मालिक को पेंशन दी जाएगी। वह राशि केवल पेड़ों की देखरेख करने के लिए ही खर्च की जानी है। विभाग ने पेड़ों में कील लगाने वालों, उसके चारों और चबूतरा बनाने वालों, होर्डिंग सहित अन्य तारें बांधने वालों पर भी कार्रवाई करने को लेकर प्लान बनाया है। बता दें कि जिले में 75 वर्ष से अधिक आयु वाले पड़ों की सबसे अधिक संख्या शहरी क्षेत्र में और डबवाली में पाई गई है।